- राजस्थान सरकार ने भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द की
- शिक्षा मंत्री गोविंद डोटसरा का बयान, मार्किंग सिस्टम पर जल्द करेंगे विचार
- परीक्षाओं को रद्द करने की मांग पक्ष और विपक्ष दोनों ने की थी
सीबीएसई के बाद अब राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं यानी 10वीं और 12वीं की रद्द कर दी गई हैं। अशोक गहलोत मंत्रिपरिषद् की बैठक में लाखों छात्रों के हित को देखते हुए बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया गया है। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि अब मार्किंग सिस्टम तय कर छात्रों को प्रमोट किया जाएगा।
मार्किंग सिस्टम पर विचार जल्द
गोविंद डोटसरा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक, बोर्ड के अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलकर जल्द ही मूल्यांकन के तरीके को बताएंगे। जो छात्र तय मार्किंग सिस्टम से खुश नहीं होंगे तो कोरोना खत्म होने पर परीक्षा देने के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है।
पक्ष और विपक्ष दोनों ने एग्जाम रद्द करने की मांग की थी
राजस्थान बोर्ड की परीक्षा में करीब 21 लाख छात्र को शामिल होना था। सरकार के इस फैसले से छात्रों और उनके अभिभावकों को राहत मिली है, दरअसल कोरोना महामारी के इस दौर में हर किसी चिंता बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर थी। अलग अलग फोरम से परीक्षाएं रद्द करने की मांग उठ रही थीं। कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने सभी राज्यों से छात्र हित में परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध किया था। विपक्ष द्वारा जहां परीक्षाएं रद्द करने की मांग की जा रही थी तो वहीं कांग्रेस नेता भी परीक्षा रद्द करने के पक्ष में थे. मंत्रिपरिषद् की बैठक में सभी मंत्रियों ने परीक्षा रद्द करने पर अपनी सहमति दी।
नए शैक्षणिक सत्र पर भी हुई चर्चा
राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कहा कि 7 जून से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। लॉकडाउन खुलने के मुताबिक ही में शिक्षक स्कूलों में बुलाए जाएंगे। इसके साथ ही शेष को दूसरे कार्यों में लगाया जाएगा। लॉकडाउन में अगर कोई शिक्षक बाहरी जिले से आता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।