- जम्मू-कश्मीर में छात्राओं को मिलती है मुफ्त स्कूली शिक्षा
- हरियाणा व दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का मौका
- राजस्थान में 8वीं तक सभी छात्रों को मिली है मुफ्त शिक्षा
Free Education For School Students: आर्थिक रूप से कमजोर और होशियार छात्रों को मुफ्त में अच्छी शिक्षा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से कई तरह की स्कॉलरशिप्स दी जाती हैं। इसमें छात्रों को आर्थिक सहायता के साथ कई तरह की अन्य सहायता भी पहुंचाई जाती है। यहां हम आपको ऐसी ही 5 ऐसी सरकारी योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, जिसके तहत स्कूली छात्र पूरी तरह मुफ्त में शिक्षा हासिल कर सकते हैं। ये सभी योजनाएं हरियाणा, दिल्ली जैसे अलग-अलग राज्यों की है। इन योजनाओं का फायदा कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के छात्र उठा सकते हैं।
सुपर 75 स्कॉलरशिप
जम्मू-कश्मीर राज्य में दी जाने वाली यह स्कॉलरशिप खासतौर पर छात्राओं के उत्थान और बेहतर भविष्य के लिए शुरू किया गया है। इस स्कॉलरशिप में शामिल होने वाली बच्चियों को पहली से 12वीं कक्षा तक मुफ्त पढ़ाई का मौका मिलता है। साथ ही पढ़ाई पूरी कर अगर कोई छात्रा बिजनेस शुरू करती हैं तो उन्हें इस स्कॉलरशिप में तेजस्विनी स्कीम के तहत पांच लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह योजना ‘मिशन यूथ-जे एंड के’ के तहत वर्ष 2021 में शुरू किया गया।
हरियाणा का चिराग योजना
आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से चिराग योजना चलाई जाती है। जिसके तहत छात्र राज्य के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन पाकर मुफ्त शिक्षा हासिल कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत हरियाणा के कुल 381 प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को दाखिला दिया जाता है। प्राइवेट स्कूल में दाखिला पाने वाले छात्र का हरियाणा राज्य का निवासी होना अनिवार्य है। साथ ही परिवार की ओर से आय 1,80,000 से कम होनी चाहिए। चिराग योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
राजस्थान में सभी को मुफ्त शिक्षा
राजस्थान सरकार ने भी स्कूली बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए वर्ष 2021 से बड़ी योजना शुरू की है। यहां के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी छात्रों को अब मुफ्त में शिक्षा दी जाती है। साथ ही छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म भी मुहैया कराया जाता है। यूनिफॉर्म का पैसा सीधे छात्रों या उनके अभिभावकों के बैंक खातों में ट्रांसफर होता है।
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केंद्रीय विद्यालय में मुफ्त शिक्षा
कोराना महामारी में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, उनके लिए केंद्रीय विद्यालय ने भी मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की है। इन छात्रों को कक्षा 1 से 12 तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी। छात्र-छात्राओं को ट्यूशन फीस का भुगतान नहीं करना होगा। ऐसे छात्रों का प्रवेश वीवीएन श्रेणी (विद्यालय विकास निधि) के तहत किया जाएगा।
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा
कोरोना में अपने माता पिता या किसी एक अर्निंग मेम्बर को खो चुके बच्चों को दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा हासिल करने का मौका मिलता है। दरअसल, दिल्ली के डायरेक्ट्रेट ऑफ एजुकेशन द्वारा इन छात्रों को अब ईडब्ल्यूएस श्रेणी या डीजी श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। जिसके कारण इन्हें किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता है।