1 जून को सीबीएसई तय करेगी कि इस साल 12 वीं कक्षा की परीक्षा होगी या नहीं होगी। लेकिन आज कल 12 वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर काफी विवाद बना हुआ है क्योंकि भारत में कोरोना को लेकर जिस तरह की स्थिति बानी हुई है वैसी स्थिति में परीक्षा का आयोजन करना खतरे से खाली नहीं होगा। इसीलिए काफी लोगों और छात्रों का कहना है कि सीबीएसई को 12 वीं की परीक्षा कैंसिल कर देनी चाहिए।
सरकार ने 14 अप्रैल को क्या कहा ?
14 अप्रैल को भारत सरकार ने कोरोना की भयावह स्थिति को हुए CBSE स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी और 12वीं की परीक्षा का फैसला 1 जून को लेगी ऐसा तय हुआ। साथ ही ये भी कहा गया कि यदि परीक्षा होगी तो छात्रों को 15 दिन तैयारी के लिए समय दिया जायेगा।
मुख्य रूप से तीन बातें तय हुईं:
पहली , 4 मई से 14 जून तक चलने वाली 12वीं बोर्ड की परीक्षा टाल दी गई।
दूसरी , बोर्ड 1 जून को परीक्षा से सम्बंधित निर्णय लेगा।
तीसरी , यदि परीक्षा होती है तो कम से कम 15 दिन छात्रों को तयारी के लिए समय दिया जायेगा
कोरोना का कहर
1 जून आने में अभी 17 दिन बाकी है और जिस रफ्तार से कोरोना का संकट बढ़ रहा है स्थिति बेहतर होती तो नहीं दिखाई दे रही है।
बहरहाल आज की स्थिति देखिए
पहला , बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए हैं : 3.62 लाख
दूसरा , बीते 24 घंटे में कुल मौतें हुई हैं : 4,128
तीसरा , देश के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉक डाउन लगा हुआ है यानि देश की 99 फीसदी आबादी लॉक डाउन में है
कोरोना कहर ने UPSC को डेट बदलने को किया मजबूर
कोरोना की वजह से देश की कार्यपालिका को चलाने वाले सिविल सर्विसेज एग्जाम को भी टाल दिया गया है। यानि UPSC ने 27 जून को होने वाला प्री-एग्जाम को 10 अक्टूबर को बढ़ा दिया है।
सीबीएसई 12 वीं की परीक्षा कैसे लेगी ?
अब ऐसी स्थिति में सीबीएसई 12 वीं की परीक्षा कैसे लेगी ? CBSE की 12वीं क्लास में 14.30 लाख छात्र हैं जो परीक्षा देंगे उनके साथ ही छात्रों के टीचर भी एग्जाम सेंटर में होंगे , नॉन टीचिंग स्टाफ को भी एग्जाम सेंटर पर रहना होगा और
साथ ही पेरेंट्स भी होंगे । अब सोचिए लाखों लाख लोग इस परीक्षा से जुड़ेंगे जिसमें छात्र , टीचर , स्टाफ और पेरेंट्स सबके सब इन्वॉल्व होंगे । क्या ये खतरों से खेलना नहीं होगा ?
सरकार के सामने विकल्प क्या है?
सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में सरकार के सामने विकल्प क्या है ? विकल्प तो दो ही है : परीक्षा लीजिए या नहीं लीजिए। परीक्षा की स्थिति तो दिख नहीं रही है। बचा एक ही ऑप्शन कि परीक्षा को कैंसल करना। तो क्या सरकार ऐसा करेगी ? इस असामान्य स्थिति में सरकार को 12 की परीक्षा को कैंसल कर देना चाहिए और सीबीएसई ने जो फार्मूला 10 वीं के लिए लागू किया है वही फॉर्मूला 12 के लिए भी लागू करना चाहिए जिससे 12 वीं क्लास के बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहे और स्वास्थ्य भी।
सीबीएसई के 10 वीं का असेसमेंट फार्मूला क्या है?
- 10 मार्क्स: यूनिट टेस्ट
- 30 मार्क्स: मिड टर्म परीक्षा
- 40 मार्क्स: प्री बोर्ड परीक्षा
- 20 मार्क्स: इंटरनल असेसमेंट
- 100: कुल मार्क्स
10 वीं असेसमेंट फार्मूला से भी रिजल्ट में 40 दिन लगेंगे
- 10 मई: फार्मूला जारी
- 20 मई: स्कूल द्वारा मार्क्स का चेकिंग
- 5 जून: स्कूल द्वारा बोर्ड को मार्क्स देने की अंतिम तारीख
- 11 जून: स्कूल द्वारा बोर्ड को इंटरनल असेसमेंट देने की अंतिम तारीख
- 20 जून: सीबीएसई द्वारा रिजल्ट घोषित
परीक्षा के बाद रिजल्ट आने में कम से कम 30 दिन लगेंगे
यानि रिजल्ट 20 जून को आएगा जबकि 10 वीं के बच्चे 11 वीं कक्षा में जाकर स्कूल में ही रहते हैं जबकि 12 वीं के बच्चे स्कूल से निकल कर कॉलेज में जाते हैं। अपने देश में तो पढ़ते ही हैं बल्कि आज कल बहुत सारे बच्चे विदेश भी पढ़ने जाते हैं। जरा सोचिए यदि सीबीएसई 1 जून को परीक्षा का निर्णय लेती है तो सबसे पहले बच्चों को 15 दिन का समय परीक्षा की तयारी के लिए देना होगा। यानि परीक्षा शुरू होगी 15 जून से और मान के चलिए ख़तम होगा 15 जुलाई को और असेसमेंट की प्रक्रिया कम से काम 30 दिन जोड़ दीजिए। यानी 15 अगस्त तक रिजल्ट आएगा । देश में पढ़ने वाले बच्चे तो एडमिशन पा जाएंगे विदेश में जो बच्चे एडमिशन ले चुके हैं उनका क्या होगा। लेकिन कोरोना के कहर के दौर में परीक्षा का आयोजन करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।
इसीलिए हमारा मानना है कि सीबीएसई को 12 वीं की परीक्षा कैंसल कर देनी चाहिए और 10 वीं का असेसमेंट फार्मूला 12 वीं में भी लागू करना चाहिए। लेकिन ये तो हमारा मानना है वैसे अंतिम फैसला सरकार को लेना है और वो फैसला सरकार लेगी 1 जून को और तब तक हमें इंतज़ार करना होगा।