हिसार: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन एक बार फिर सवालों के घेर में हैं। दरसअल बोर्ड ने एक दिव्यांग छात्रा को गणित में 100 में से केवल 2 नंबर दिए। दिव्यांग छात्रा को इस बात का तनिक भी अंदाजा नहीं था कि इतना अच्छा पेपर जाने के बाद भी उसके केवल 2 ही नंबर आएंगे। दिव्यांग छात्रा सुप्रिया ने आरोप लगाया कि उसकी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन उचित प्रक्रिया से नहीं किया गया जिसकी वजह से कम नंबर आए। इसके बाद छात्रा के आग्रह पर जब उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन हुआ तो हर कोई हैरान रह गया।
सुप्रिया रह गईं हैरान
सुप्रिया ने एएनआई को बताया, 'मुझे गणित की परीक्षा में 2 अंक दिए गए। मैं स्तब्ध और दुखी हो गई थी। मेरे पिता ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया और पुनर्मूल्यांकन के बाद, मुझे 100 में 100 अंक मिले। मैं उस बोर्ड से मांग करना चाहती हूं कि यह किसी अन्य के साथ नहीं होना चाहिए।' सुप्रिया को देखने में दिक्कत है। सुप्रिया के पिता छज्जूराम ने कहा कि उनकी बेटी को सभी विषयों में 90 से अधिक अंक मिले, लेकिन उसे गणित में केवल 2 अंक मिले तो हर कोई हैरान था। इसके बाद उन्होंने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया।
सुप्रिया के पिता हैं टीचर
छज्जूराम ने बताया, 'मैंने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में 5,000 रुपये खर्च किए हैं। मैं गणित का शिक्षक हूं। मेरी बेटी ने गणित को छोड़कर सभी विषयों में अच्छे अंक प्राप्त किए, इसलिए मैंने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया। बाद में उसे फिर से 100 अंक मिले।' हिसार के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल हृषिकेश कुंडू ने कहा कि स्कूल के दोबारा खुलने के बाद सुप्रिया को सम्मानित किया जाएगा।
प्रिंसिपल ने कहा, 'उन्होंने कहा, सुप्रिया एक कड़ी मेहनत करने वाली छात्रा है। वह पढ़ाई में अच्छी है और स्कूल के दोबारा खुलने के बाद हम उसका सम्मान करेंगे।' आपको बता दं कि बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, हरियाणा (BSHE) ने 10 जुलाई को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कक्षा 10 के परिणाम घोषित किए थे।'