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गणित के जादूगर श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिवस पर जानिए बेहद रोचक व जरूरी बातें

Updated Dec 22, 2021 | 07:29 IST

Srinivasa Ramanujan interesting facts: श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के ईरोड गांव में हुआ था। रामानुजन के पिता साड़ी की दुकान पर एक क्लर्क थे और उनकी मां हाउस वाइफ थी। महज 32 साल की उम्र में उन्होंने गणित के करीब 3900 सिद्धांत बनाए थे...

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Srinivasa Ramanujan - जानिए श्रीनिवास रामानुजन के जीवन से जुड़ी खास बातें
मुख्य बातें
  • श्रीनिवास रामानुजन भारत के एक महान गणितज्ञ थे।
  • 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था श्रीनिवास रामानुजन का जन्म।
  • घर का खर्च निकालने के लिए 7वीं कक्षा में पढ़ाते थे बी.ए के छात्रों को ट्यूशन।

Srinivasa Ramanujan interesting facts: राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसंबर को गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जिनका जन्म 1887 में इसी तारीख को हुआ था। भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को संख्या का जादूगर भी कहा जाता है, अपनी प्रतिभा और मौलिक शक्ति से उन्होंने कई महान रिसर्च किए। जी हां श्रीनिवास साहब ने मात्र 12 वर्ष की उम्र में बिना किसी औपचारिक शिक्षा के मैथेमेटिकल थियोरम की खोज शुरू की थी और महज 32 साल की उम्र में गणित के करीब 3900 सिद्धांत बनाए। जिससे गणित के सवाल हल किए जाते हैं, इन्हें गणित की भाषा में आइडेंटिटीज और इक्वेशन कहा जाता है। रामानुजन साहब अपने वक्त से बहुत आगे तक सोचते थे, साल 1919 में उन्होंने मॉक थीटा की खोज की, जिससे ब्रम्हांड की सबसे बड़ी पहेली ब्लैक होल को सुलझाया जा सकता है।

गणित के जिन सूत्रों को सुलझाने में बड़े बड़े गणितज्ञों को घंटो का समय लगता था, उसे रामानुजन साहब मिनटो में सिद्ध कर देते थे। वह कहते थे कि मेरे लिए उस सूत्र का कोई मतलब नहीं जिससे उन्हें आध्यात्मिक विचार प्राप्त ना होते हों। रामानुजन का बचपन काफी संघर्षों से भरा रहा, साल 1889 में चेचक की गिरफ्त में आने से उनके सभी भाई बहनों की मृत्यु हो गई थी। आइए जानते हैं गणित के सबसे बड़े जादूगर श्रीनिवास रामानुजन साहब के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें, जिसे अब तक नहीं जानते होंगे आप।

National Mathematics Day 2021 Srinivasa Ramanujan - जीवन परिचय

श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के ईरोड गांव में हुआ था। रामानुजन के पिता साड़ी की दुकान पर एक क्लर्क थे और उनकी मां हाउस वाइफ थी। 1889 में चेचक की गिरफ्त में आने से उनके सभी भाई बहनों की मृत्यु हो गई थी, लेकिन रामानुजन ठीक हो गए थे। आपको बता दें रामानुजन पैदा होने के बाद करीब तीन साल तक बोले नहीं थे, घरवाले इन्हें गूंगा समझते थे।

National Mathematics Day 2021 Srinivasa Ramanujan - घर का खर्च चलाने के लिए पढ़ाते थे ट्यूशन

आपको शायद ही पता होगा कि घर का खर्च निकालने के लिए रामानुजन ट्यूशन पढ़ाते थे। वह 7वीं कक्षा में बी.ए के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाया करते थे। 13 साल की उम्र में उन्होंने एडवांस ट्रिग्नोमेट्री को रट लिया था और खुद की थियोरम बनाना शुरू कर दिया था।

National Mathematics Day 2021 Srinivasa Ramanujan - यहां से शुरू हुआ मैथ जीनियस बनने का सफर

विशेषज्ञों के मुताबिक जब रामानुजन 16 साल के थे तो उनके एक दोस्त ने उन्हें लाइब्रेरी से जी.एस की लिखी हुई किताब दी, जिसमें 5000 से ज्यादा थियोरम थे। इस किताब को पढ़ने के बाद रामानुजन साहब के मैथ जीनियस बनने का सफर शुरू हुआ। गणित में विशेषज्ञ होने के कारण रामानुजन को सरकारी आर्ट्स कॉलेज में पढ़ाई करने का मौका मिला और स्कॉलरशिप मिलने लगा।

National Mathematics Day 2021 Srinivasa Ramanujan - रजिस्टर महंगा होने के कारण करते थे स्लेट का प्रयोग

रजिस्टर महंगा होने के कारण रामानुजन स्लेट का प्रयोग करते थे। हालांकि वो एक रजिस्टर भी रखते थे जिसमें स्लेट से फॉर्मुला उतारते थे। जब वह कहीं नौकरी की तलाश में जाते थे तो अक्सर वही रजिस्टर दिखाते थे, लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते थे।

National Mathematics Day 2021 Srinivasa Ramanujan - दुनिया के सबसे महान गणितज्ञ

ब्रिटेन के प्रोफेसर हार्डी रामानुजन को दुनिया का सबसे महान गणितज्ञ मानते थे। कहा जाता है कि उन्होंने दुनिया के प्रतिभावान व्यक्तियों को 100 नंबर पर आंका था और इस लिस्ट में खुद को सौ में से तीस नंबर दिए थे, लेकिन रामानुजन को 100 में से 100 नंबर दिए थे। हार्डी ने साल 1913 में उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि साल 1919 में हेपेटिक अमीबासिस ने रामानुजन को भारत लौटने के लिए मजबूर किया।

भारत लौटने के बाद वह टीबी जैसी भयावह बीमारी से ग्रस्त हो गए और 26 अप्रैल 1920 में मात्र 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। रामानुजन साहब को वो सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।

National Mathematics Day 2021 Srinivasa Ramanujan - रामानुजन के सम्मान में शुरू हुआ यह पुरस्कार

श्रीनिवास रामानुजन के सम्मान में साल 2005 से रामानुजन पुरस्कार की शुरूआत हुई, इसे इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरिटिकल फिजिक्स रामानुजन पुरस्कार भी कहा जाता है। रामानुजन पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। यह हर साल विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों को दिया जाता है, उनकी उम्र 45 वर्ष से कम होनी चाहिए। तथा यह इटली में स्थित सैद्धांतिक भौतिक केंद्र द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।