- प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में मिलेगी दो वर्ष की छूट।
- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की घोषणा।
- कोरोना वायरस के चलते राजस्थान सरकार ने लिया यह निर्णय।
UPPER Age Relaxation In Compititive Exam: सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर है। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के युवाओं को बड़ा तोहफा दिया है। हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतियोगी परीक्षा में अधिकतम आयु में दो वर्ष की छूट दी है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि, कोरोना वायरस के कारण दो वर्षों तक प्रतियोगी परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो सकी इसलिए आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में दो वर्ष की छूट दी जाएगी। यह उन युवाओं के लिए अच्छी खबर है जो पिछले दो वर्ष से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे, लेकिन आयु ज्यादा होने के कारण निराश बैठे थे।
गरीब सवर्णों को दी थी आयु सीमा में छूट: EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के पुरुष अभ्यर्थियों को अन्य आरक्षित वर्गों के समान अधिकतम आयु सीमा में 5 साल और महिला अभ्यर्थियों को 10 साल की छूट मिल सकेगी।
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इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी की उम्र सीमा में छूट देने की घोषणा की थी। अधिकतम आयु सीमा में 5 से 10 साल की छूट देने का निर्णय लिया था। सीएम गहलोत के इस निर्णय से युवकों को बड़ी राहत मिली थी।
कोविड के कारण समय पर सेना की भर्ती नहीं हो पाई थी। जिसके चलते अभ्यर्थियों की आयु सीमा निकल गई गई थी। बेरोजगारी को लेकर सक्रिय कई संगठन सीएम गहलोत से कोविड की भरपाई के लिए आयु सीमा में छूट देने की मांग कर रहे थे। इससे पहले सीएम गहलोत ने खुद सेना में उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।
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केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों को भी नौकरी: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपने दूसरे फैसले के अनुसार 2013 में केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों को के एलिजिबल परिजनों को पुन अनुकंपा नियुक्ति देने की घोषणा की है।
सीएम गहलोत ने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि 2013 की केदारनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले और स्थाई रूप से लापता राजस्थान के निवासियों के परिजनों को संबल देने के लिए 2013 में अनुकंपा नियुक्ति देने की घोषणा हुई थी।