- विभाजन से प्रभावित था इन तीन बहनों का परिवार।
- कई मुसीबतों का सामना करने के बाद तीनों बहनों ने पूरी की थी अपनी पढ़ाई।
- तीनों बहने संभाल चुकी हैं हरियाणा की मुख्य सचिव की कुर्सी।
IAS Success Story: भारत में अधिकतर हर युवा आईएएस बनने का सपना देखता है। अपने सपने को साकार करने के लिए कई युवा कड़ी मेहनत करते हैं। आईएएस की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है। आईएएस बनने के लिए हर वर्ष लाखों उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं मगर कुछ ही उम्मीदवारों का सपना पूरा हो पाता है। ऐसे में असफल रहे लोग कई बार इस परीक्षा को पार करने के लिए बार-बार कड़ी मेहनत करते हैं। वहीं, कुछ लोग हार मान जाते हैं। मगर, हरियाणा की तीन बहनों ने कई मुश्किलों का सामना करने के बाद भी अपना यह सपना अधूरा नहीं छोड़ा और आईएएस बनीं। यह तीन बहनें केशानी आनंद अरोड़ा, मीनाक्षी चौधरी और उर्वशी गुलाटी हैं।
मां के वजह से तीनों बहनों ने अपनी पढ़ाई की पूरी
तीन बहनों का परिवार विभाजन से पीड़ित था। विभाजन के वजह से इनका परिवार पंजाब में आकर बस गया। जब यह तीनों बहनें छोटी थी तब उनके परिवार वाले पढ़ाई को ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे। मगर, इनकी मां ने पढ़ाई का महत्व समझा और अपनी तीनों बेटियों को पढ़ाया।
तीनों बहनें संभाल चुकी हैं हरियाणा की मुख्य सचिव की कुर्सी
तीनों बहनें आईएएस तो हैं ही, लेकिन खास बात यह है कि इन तीनों बहनों ने हरियाणा की मुख्य सचिव की कुर्सी संभाली है। केशानी आनंद अरोड़ा, मीनाक्षी चौधरी और उर्वशी गुलाटी एक लेक्चरर की बेटियां हैं। बचपन से यह तीनों बहनें पढ़ने में बहुत अच्छी थीं। इन तीनों ने पढ़ाई का महत्व समझा और यही कारण है कि वह आईएएस बन पाईं।
हरियाणा की मुख्य सचिव के तौर पर इनका कार्यकाल
केशानी आनंद अरोड़ा अपने बैच की टॉपर रह चुकी हैं। वह 1983 बैच की आईएएस अधिकारी हैं जो हरियाणा राज्य की पहली महिला उपायुक्त बनी थीं (16 अप्रैल 1990)। केशानी की बहन मीनाक्षी 1969 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। केशानी से पहले मीनाक्षी हरियाणा की मुख्य सचिव रह चुकी हैं। उन्होंने यह पद 08 नवंबर 2005 से लेकर 30 अप्रैल 2006 तक संभाला था। वहीं, तीसरी बहन उर्वशी ने यह पद 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 तक संभाला था। वह 1975 बैच की आईएएस अफसर रह चुकी हैं।