- सबसे ज्यादा इलाहाबाद से हुईं गिरफ्तारियां, परीक्षा नियामक प्राधिकारी का ऑफिस भी यही है।
- प्रदेश के कई क्षेत्रों में रातों-रात पहुंच गया था लीक पेपर।
- 2018 में बीटीसी सेमेस्टर परीक्षा में प्रिटिंग एजेंसी के मालिक की गिरफ्तारी हुई थी।
नई दिल्ली: यूपी टीइटी पेपर लीक ने एक बार फिर से नौकरी माफियाओं के गोरखधंधे की सिस्टम पर पकड़ को उजागर कर दिया है। इतनी तैयारियों के बाद भी परीक्षा के पेपर में सेंध लग गई और 20 लाख अभ्यर्थियों के करियर से खिलवाड़ हो गया। हालांकि राज्य सरकार ने पेपर लीक होने की भनक लगते ही, परीक्षा को निरस्त कर दिया। और एक महीने के अंदर फिर से परीक्षा कराने की बात कही है। इस बीच पुलिस ने अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
पूरे प्रदेश में फैला है जाल
UPTET पेपर लीक से साफ हो गया है कि पूरे प्रदेश में जाल फैला हुआ है। पुलिस ने अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया है। सरकारी द्वारा जारी में बयान में कहा गया है कि 29 गिरफ्तारियों में से 16 प्रयागराज से की गईं। प्रयागराज में गिरफ्तार किए गए लोगों में शहर के शंकरगढ़ इलाके के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक सत्य प्रकाश सिंह भी शामिल है। तलाशी लेने पर उसके व्हाट्सएप में हल किया हुआ प्रश्नपत्र मिला।
इसके अलावा लखनऊ जिले से 4 और कौशांबी, अयोध्या और अंबेडकरनगर से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। जबकि शामली जिले से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पुलिस ने गिरोह के एक अन्य सदस्य सनी सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। जो कि बिहार से सॉल्वर सोर्सिंग में सहायक था।
राजेंद्र पटेल है मास्टर माइंड !
पूरे ऑपरेशन को कथित तौर पर मास्टरमाइंड राजेंद्र पटेल था। इसके अलावा प्रयागराज से ही चतुर्भुज सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार परीक्षा के पेपर रात में ही सर्कुलेट हो गए थे। अकेले शामली से गिरफ्तार तीन लोगों के पास पेपर की 50 फोटो कॉपी प्राप्त हुई है। और पूछताछ में पुलिस को उन्होंने बताया है कि इस मामले में 60 लोगों से उन्होंने 50-50 हजार रुपए लिए थे।
इन पर उठ रहे हैं सवाल
परीक्षा पेपर जिस तरह रातों-लीक हुआ और प्रदेश के हर हिस्से में पहुंचा, उससे तो साफ है कि इसमें किसी बड़े गैंग का हाथ है। जिसमें कई लोगों की मिली भगत शामिल है। इसीलिए पेपर लीक होने में प्रिटिंग एजेंसी से लेकर यूपी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सहित कई स्टेक होल्डर्स पर सवाल उठ रहे हैं।
सवाल इसलिए भी उठे हैं, क्योंकि इसके पहले भी बीटीसी सेमेस्टर परीक्षा लीक में भी 2018 में प्रयागराज से भी गिरफ्तारी की गई थी। उसमें भी प्रिटिंग एजेंसी के मालिक को गिरफ्तार किया गया था।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से कराई गई 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आईं थी।ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए। इस प्रकरण में तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह को 2108 में निलंबित कर दिया गया था।
लगेगा गैंगस्टर एक्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीईटी की परीक्षा लीक मामले पर कहा है कि कोई कितना भी बड़ा क्यों नहीं होगा?, उसके घर में बुलडोजर चलना तय है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा, उनकी संपत्ति जब्त कराने और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)