5+3+3+4 system And New Education Policy 2020 Policy: सरकार ने नई शिक्षा नीति का प्रारूप देश के सामने रखा है। इस नई शिक्षा नीतिक की कई विशेषताए हैं। पहले की तुलना में इस बार शिक्षा नीति में काफी बदलाव किए गए हैं। एनईपी 2020 (NEP 2020) स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक सबके लिए एक समान पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर देती है, अब 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 का नया पाठ्यक्रम संरचना लागू होगा वहीं स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से मुख्य धारा में शामिल करने के लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास और नवीन शिक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
नई शिक्षा नीति के तहत अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा, बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा वहीं अब सिर्फ 12वींं में बोर्ड की परीक्षा देनी होगी जबकि इससे पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था जो अब नहीं होगा।
नई शिक्षा नीति में बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 का नया पाठ्यक्रम संरचना लागू किया जाएगा। जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है। इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है।
आसान शब्दों में जाने आखिर 5+3+3+4 सिस्टम है क्या (What is 5+3+3+4 system)-
अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+3+3+4 के हिसाब से होगा, इसका अर्थ है कि अब स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए विभाजित किया गया है, इसमें प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12वीं तक आखिरी हिस्सा होगा।
5 का अर्थ यानि फाउंडेशन स्टेज-
पहले तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे फिर अगले 2 साल कक्षा 1 एवं 2 में बच्चे स्कूल में पढ़ेंगे। इन 5 सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा, इसमें तीन से आठ साल तक की आयु के बच्चे कवर होंगे यानि इस प्रकार पढ़ाई के पहले पांच साल का चरण पूरा होगा।
3 यानि प्रीप्रेटरी स्टेज
इस स्टेज में कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई होगी और इस दौरान प्रयोगों के जरिए बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई कराई जाएगी, आठ से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।
3 यानि मिडिल स्टेज
इसमें कक्षा 6-8 की कक्षाओं की पढ़ाई होगी और इन कक्षाओं में विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा, 11-14 साल की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा और कक्षा छह से ही कौशल विकास कोर्स भी शुरू हो जाएंगे।
4 यानि सेकेंडरी स्टेज
क्लास 9 से 12 की पढ़ाई दो स्टेज में होगी जिसमें विषयों का अध्ययन कराया जाएगा, विषयों को चुनने की आजादी भी होगी।
तो नई शिक्षा नीति में 5+3+3+4 system इस तरीक से लागू होगा।
नई शिक्षा नीति के अहम बदलावों पर एक नजर-
- नई शिक्षा नीति के तहत अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा
- बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा
- अब सिर्फ 12वीं में बोर्ड की परीक्षा देनी होगी. जबकि इससे पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा
- वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी
- 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी
- 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे
- अब स्टूडेंट्स को MPhil नहीं करना होगा बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे
- नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नए भारत के निर्माण में नई शिक्षा नीति 2020 मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी परिवार, राष्ट्र की आधारशिला होती है। नयी शिक्षा नीति को लेकर समाज के सभी वर्गो के 2.25 लाख सुझाव आए और जो सुझाव आए हमने उनका व्यापक विश्लेषण किया।