- यूजीसी परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम फैसला
- राज्य और विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित किए बिना छात्रों को उत्तीर्ण नहीं कर सकते
- कोर्ट ने परीक्षाओं को टालने के आग्रह को किया खारिज
SC Final Verdict on UGC Guidelines: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित की जाएगी। यूसीजी के फैसले के खिलाफ जो याचिकाएं दायर हुई थी उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले जेईई की परीक्षा को लेकर आदेश दिया था। दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ बहस की थी लेकिन तीनों जजों की बेंच द्वारा यह फैसला दिया गया है। तो आइए जानते हैं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, पांच अहम बिंदु
- कोर्ट ने UGC के 6 जुलाई, 2020 के संशोधित दिशानिर्देशों और 6 जुलाई, 2020 के कार्यालय ज्ञापन को खारिज करने की मांग को अस्वीकार कर दिया है। याचिकाकर्ता तर्क दे रहे हैं कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए क्योंकि स्थिति अनुकूल नहीं है
- कोर्ट ने 30 सितंबर तक परीक्षा कराने के UGC के सर्कुलर को सही ठहराया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें कोरोना संकट काल में अपने से एग्जाम नहीं कराने का फैसला नहीं कर सकतीं हैं और ना ही UGC की अनुमति बिना छात्र को प्रमोट कर सकते हैं।
- सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की खण्डपीठ ने कहा कि जिन राज्यों को कोरोना संकट काल में एग्जाम कराने में दिक्कत है वो यूजीसी के पास परीक्षा को टालने की अर्जी दे सकते हैं। साथ ही यूजीसी से कहा है कि वो इन राज्यों की मांग को कंशीडर करें। खासकर कोर्ट ने ये भी पाया है कि जो राज्य इस एग्जाम को आगे बढ़ाना चाहते हैं उनके पास ये अधिकार है।
- सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'जो राज्य 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी। राज्य आपदा प्रबंधन कानून के तहत अंतिम वर्ष की परीक्षाएं स्थगित कर सकते हैं, लेकिन यूजीसी के साथ विचार-विमर्श कर नयी तारीखें तय करनी होंगी। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास छात्रों को बिना परीक्षा पिछले वर्षों के आधार पर पास करने का अधिकार नहीं है।'
- इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों एवं अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को 30 सितंबर तक करा लेने के यूजीसी द्वारा 6 जुलाई को जारी निर्देशों को चुनौती देनी वाली याचिकाओं पर 18 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।
यूजीसी द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों पर तब शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, हमारे लिए विद्यार्थियों का स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा, निष्पक्षता और समान अवसर के सिद्धांतों का पालन करना सर्वोपरि है। साथ ही, विश्व स्तर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक विश्वसनीयता, करियर के अवसरों और भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी शिक्षा प्रणाली में बहुत मायने रखता है।