- सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को खुदकुशी कर ली थी
- उनका शव मुंबई में अपार्टमेंट में पंखे से लटका मिला था
- सुशांत के मामले में परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का अचानक दुनिया से चले जाना देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। सुशांत की मौत के बाद शुरुआत में नेपोटिज्म और गुटबाजी को लेकर काफी बहस हुई। वहीं, सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के बाद केस में नया मोड़ आ गया है। केके सिंह ने रिया पर सुशांत को खुदकुशी के लिए उकसाने, पैंसे ऐंठने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुशांत के फैंस सोशल मीडिया पर #JusticeForSushantSinghRajput (हैशटैग जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत) ट्रेंड कर उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। अब यह हैशटैग अमेरिका भी पहुंच गया है। सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने एक बिलबोर्ड की तस्वीर साझा की, जिसमें 'काय पो छे' एक्टर के लिए ट्रेंडिंग हैशटैग जरिए न्याय की मांग की गई है। यह बिलबोर्ड कैलिफोर्निया में लगा है।
श्वेता सिंह कीर्ति ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बिलबोर्ड की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'कैलिफोर्निया में भाई का बिलबोर्ड। यह द ग्रेड मॉल पार्कवे से बाहर निकलने के ठीक 880 उत्तर की ओर है। यह एक विश्वव्यापी आंदोलन है।' उन्होंने साथ ही हैशटैग वॉरियर्स ऑफ एसएसआर, हैशटैग जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत और हैशटैग वर्ल्ड फॉर सुशांत लिखे। श्वेता के इस पोस्ट को शेयर करने के बाद से यूजर्र लगातार अपना रिएक्शन दे रहे हैं। एक यूजर ने श्वेता का हौसला बढ़ाते हुए लिखा कि हम कभी हार नहीं मानेंगे। हम सुशांत को कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे। हम अंतिम सांस तक न्याय के लिए लड़ेंगे। वहीं, अन्य ने कमेंट किया कि हम न्याय के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
बता दें कि श्वेता सिंह कीर्ति ने सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ दिलाने के लिए ट्विटर पर मुहिम चला रखी है। उन्होंने प्रधानमंक्षी नरेंद्र मोदी को ओपन लेटर लिखकर भी अपने भाई को न्याय दिलाने की मांग की थी। उन्होंने ओपन लेटर में लिखा था कि मेरा दिल कहता है कि आप सच्चाई के साथ खड़े हैं और हम बहुत ही साधारण परिवार से हैं। मेरे भाई का बॉलीवुड में कोई गॉडफादर नहीं था और न ही हमारे पास अभी कोई है। आपसे मेरा अनुरोध है कि आप तुरंत इस मामले को देखें और सुनिश्चित करें कि सब कुछ एक सही तरीके से संभाला जाए और किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ न की जाए। न्याय की जीत की उम्मीद है।