- जया प्रदा का असली नाम ‘ललिता रानी’ था
- जया ने साल 1994 में ‘तेलुगू देशम पार्टी’ को ज्वाइन कर राजनीति में कदम रखा था
- जया प्रदा साल 2004 से 2014 तक रामपुर की सासंद रहीं हैं
Actress, Politician Jaya Prada: 80 के दशक में श्रीदेवी के साथ जिस अभिनेत्री ने सिनेमा के पर्दे पर राज किया है वो हैं जया प्रदा। जयाप्रदा ने अपने फिल्मी करियर के दौरान कई बेहतरीन फिल्में की हैं। उन्होंने बॉलीवुड ही नहीं बल्कि राजनीति में भी अपनी एक अलग जगह बनाई है। जया प्रदा को प्रोफेशनल लाइफ में लोगों का बहुत प्यार मिला, लेकिन पर्सनल लाइफ में वो अकेली रह गईं।
जया प्रदा का असली नाम ‘ललिता रानी’ था, लेकिन फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपने नाम को बदल लिया और वो ललिता से जया प्रदा बन गईं। फिल्मी करियर की बात करें तो जया प्रदा ने तेलुगु समेत 5 अलग-अलग भाषाओं में 150 से भी ज्यादा फिल्में की हैं। साल 1985 में जया प्रदा का करियर अपने चरम पर था और वो बॉलीवुड में सबसे ज्यादा फीस चार्ज करने वाली एक्ट्रेस बन गई थीं। इसी दौरान वो इनकम टैक्स विभाग की रडार पर आईं और उनकी जिंदगी में तूफान खड़ा हो गया। इस मुश्किल वक्त में जया प्रदा की जिसने सबसे ज्यादा मदद की वो थे फिल्म प्रोड्यूसर श्रीकांत नाहटा।
टैक्स विवाद से निकालने में की मदद
श्रीकांत ने जया को इनकम टैक्स के विवाद से निकालने में मदद की थी। इतना ही नहीं, वो जया को हर मौके पर इमोशनली भी काफी सपोर्ट किया करते थे।धीरे-धीरे जया प्रदा और श्रीकांत एक-दूसरे के करीब आ गए। इतना करीब कि जया प्रदा ने तीन बच्चों के पिता श्रीकांत से 1986 में शादी कर ली। बॉलीवुड में दूसरी शादी कोई हैरानी की बात नहीं है, लेकिन श्रीकांत और जया ने जो किया था, वो चौंकाने वाला था। दरअसल, श्रीकांत ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही जया प्रदा से दूसरी शादी कर ली थी। इसी वजह से जया प्रदा को ‘दूसरी महिला’ का ठप्पा मिल गया।
नहीं मिला बच्चे का सुख
श्रीकांत से शादी करने के बाद भी जया प्रदा को बच्चे का सुख नहीं मिला। ऐसे में मां बनने की कमी को दूर करने के लिए जया प्रदा ने अपनी बहन के बेटे सिद्धार्थ को गोद ले लिया। जया के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने साल 1994 में ‘तेलुगू देशम पार्टी’ को ज्वाइन कर राजनीति में कदम रखा था। साल 1996 में वो राज्यसभा सांसद बनीं, लेकिन जब उन्हें दोबारा राज्यसभा के लिए नामित नहीं किया गया, तो उन्होंने नाराज होकर पार्टी छोड़ दी।
जया प्रदा साल 2004 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। वो साल 2004 से 2014 तक रामपुर की सांसद रहीं और फिर उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया । साल 2019 में जया ने बीजेपी की टिकट से रामपुर की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन वो हार गईं।