लेटेस्ट एपिसोड में मान्यता को लगता है कि नयनतारा मर गई है। उसके मर जाने के बाद मान्यता बहुत रोती है। तभी वृंदा आकर कहती है कि वो सही कह रही थी, पारेख परिवार ने ये सब किया है। वहीं नयनतारा को मारने वाले लड़कों का पीछा करती है वृंदा लेकिन तभी बीच में देव आ आता है। देव को वहां देखकर वृंदा को लगता है कि नयनतारा को मारने में इन लोगों के साथ देव का भी हाथ है। ऐसे में वो तय करती है कि देव को भी मारेगी।
नयनतारा के मर जाने के बाद मान्यता खुद को मारने की कोशिश करती है। वो खुद अपना सिर एक पिलर पर मारती है और भोलेनाथ से शिकायत करती है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। मान्यता आगे कहती है कि वो अब नहीं जीना चाहती और उसे कोई बदला नहीं लेना है। इसके बाद वृंदा महापंडित के पास आती है और पूछती है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। जिसके बाद वो बताते हैं कि मान्यता के अंदर जीने की इच्छा खत्म हो गई है। जो उसकी नाम की बेटी थी, वो मर चुकी है और जो उसकी असली बेटी है वो उसे मां मानने से इंकार कर चुकी है।
जिसके बाद वृंदा मान्यता से कहती है कि वो एक इच्छाधारी नागिन है और वो नयनतारा की मौत बदला जरूर लेगी। वो कहती है भोलेनाथ की कसम खाकर कहती हूं कि वो पारेख परिवार के उन सभी लोगों को खत्म कर के रहेगी, जिन्होंने ये सब किया है। इसके बाद उसे मान्यता की आंखों में पारेख परिवार उसके पिता और बहन को मारते हुए दिखाई देता है। वृंदा सब समझ जाती है और मान्यता को आराम करने के लिए कहती है।
जिसके बाद स्वरा वहां आती है और उसे घर चलने के लिए कहती है। लेकिन वृंदा मां को छोड़कर जाने से मना कर देती है। स्वरा कहती है कि देव उसे ढूंढते हुए आया था। वह मान जाती है और मान्यता से कहती है कि उसे स्वरा की मां पर विश्वास है क्योंकि आज तक उन्होंने कभी उसे किसी को दुख पहुंचाना नहीं सिखाया। देव ढूंढ़ते हुए वृंदा के पास आता है और उससे शादी करने की इच्छा जाहिर करता है। जिसके लिए वृंदा भी तैयार हो जाती है।
वहीं नयनतारा मरी नहीं है उसे विशाखा ने बचा लिया। नयनतारा विशाखा से कहती है कि उसे मां के पास जाना चाहिए क्योंकि मां परेशान हो रही हैं। इस पर विशाखा उससे कहती है कि जब वृंदा उसकी मां मान्यता तो अपनी शक्तियां दिखाएगी तो वह तुम्हें भूल जाएगी। वृंदा तुमसे ज्यादा बेहतर है क्योंकि वह एक इच्छाधारी नागिन भी है। नयनतारा उससे पूछता है कि वो कौन है उसने उसे कैसे बचाया। विशाखा जैसे ही बताने वाले होती है कि वृंदा वहां आ जाती है।
वृंदा तय करती है कि देव से शादी करने के बाद वो पारेख परिवार से बदला आसानी से लेकर सकती है। सुहागरात के दिन घर वाले देव को नागिन से बचाने के लिए भभूत लगाते हैं। देव जैसे ही वृंदा को छूता है वो उससे दूर भागने लगती है। जिसके बाद वृंदा देव को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करती है। जिससे देव उसकी तरफ खींचा चला आता है। अब आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि क्या वृंदा देव को अपना शिकार बना पाती है या नहीं।