- विशाल कोटियन ने 'अकबर का बल बीरबल' से वापसी की है
- उन्होंने कई महीने से जारी नेपोटिज्म डिबेट पर रिएक्ट किया है
- उनका कहना है कि नेपोटिज्म से सफलता नहीं मिलती है
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से बॉलीवुड में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद), गुटबाजी, आउटसाइडर-इनसाइडर को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कई सेलेब्स इन मुद्दों पर अपनी राय का इजहार चुके हैं। वहीं, अब टीवी एक्टर विशाल कोटियन ने नेपोटिज्म पर अपनी बात रखी है। विशाल को लगता है कि नेपोटिज्म की बहस को जानबूझकर खड़ा किया गया है और इससे कभी किसी को सफलता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि अगर नेपोटिज्म करियर बना सकता तो ऋतिक रोशन कहीं नहीं होते और अभिषेक बच्चन उनसे बड़े स्टार होते।
ईटाम्स से खास बातचीत में विशाल कोटियन ने कहा, 'हिंदी फिल्म इंडस्ट्री 100 साल पुरानी है। क्यों अब यह अचानक से नेपोटिज्म की बहस शुरू हुई है। कपूर और खान को दर्शकों और मीडिया ने यहां तक पहुंचाया है। तो 100 साल बाद यह बहस क्यों? पृथ्वीराज कपूर साहब 90 साल पहले इंडस्ट्री में थे। कपूर परिवार को भारतीय सिनेमा के पहले परिवार के रूप में जाना जाता है। तो क्यों अब यह बहस अचानक सामने आई है। मुझे लगता है कि यह बहस जानबूझकर खड़ी की गई है। मुझे लगता है कि नेपोटिज्म आपको पहला मौका दे सकता है, क्योंकि जब आप स्टार किड होते हैं तो मौका पाना आसान होता है।
उन्होंने आगे कहा, 'स्टार किड्स को मौका जल्दी मिलता है, लेकिन नेपोटिज्म आपका करियर कभी नहीं बना सकता। अगर पोटिज्म करियर बना सकता तो ऋतिक रोशन कहीं नहीं होते और अभिषेक बच्चन उनसे बड़े स्टार होते। बहुत सारे स्टार किड्स हैं जो वाकई टाइगर श्रॉफ की तरह मेहनती हैं, आप उनसे वह मेहनत नहीं छीन सकते। आप मुझे कोई नॉन-स्टार किड दिखा सकते हैं, जो टाइगर श्रॉफ जितनी मेहनत करता हो। मैं आपको चैलेंजे दे रहा हूं, मैं अपने हाथों को जोड़कर उस व्यक्ति के पैर छू लूंगा।' बता दें कि विशाल कोटियन 'अकबर का बल बीरबल' से वापसी की है। इसमें अली असगर भी हैं।