- इन बदमाशों ने चार विधायकों को धमकी देकर मांगी थी रंगदारी
- धमकी के लिए मिडिल ईस्ट के मोबाइल नंबर का किया गया उपयोग
- इस गिरोह को पाकिस्तान से किया जाता है हैंडल, पहले करता था ठगी
Gurugram Crime: गैंगस्टर्स पर नकेल कसने में जुड़ी स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ को बहुत बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ टीम ने हरियाणा के चार विधायकों को जान से मारने की धमकी देकर रंगदारी मांगने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह बदमाशों को दबोच लिया है। जांच और इन बदमाशों से पूछताछ में पता चला है कि इस पूरे गिरोह को पाकिस्तान से ऑपरेट किया जा रहा था। इसलिए बदमाशों से गहन पूछताछ के लिए इन सभी को आठ दिन के रिमांड पर लिया गया है।
रिमांड के दौरान कई पहलुओं पर जांच कर इस पूरे मामले का पर्दाफाश किया जाएगा। एसटीएफ के अनुसार इस गिरोह में कई अन्य बदमाश भी शामिल हैं। उन सभी आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी। एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक सतीश बालन और पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बताया कि इस गिरोह द्वारा विधायक सुरेंद्र और रेनू बाला को 25 जून को और विधायक सुभाष गांगोली और संजय सिंह को 27 जून को फोन पर वसूली के लिए धमकी दी गई थी। जिसके बाद पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने पूरे मामले की जांच के लिए एसटीएफ को जिम्मेदारी दी थी।
इन क्षेत्रों से पकड़े गए आरोपी
एसटीएफ ने केंद्रीय एजेंसियों की मदद से धमकी वाले फोन नंबरों की जानकारी जुटानी शुरू की। जिसके बाद दो लोगों को महाराष्ट्र और चार लोगों को बिहार से गिरफ्तार किया गया। महाराष्ट्र से गिरफ्तार आरोपितों की पहचान दुलेश आलम और बदरे आलम के रूप में हुई है। वहीं बिहार से सादिक अनवर, सनोज कुमार, अमित यादव और कैस आलम को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ टीम ने इन बदमाशों के कब्जे से 73 एटीएम कार्ड, 24 बैंक पासबुक, 24 मोबाइल फोन, 27 सिम कार्ड और एक कार बरामद की है। इसके अलावा आरोपियों के पास से करीब 3.97 लाख की नकदी भी बरामद हुई है। एसटीएम अधिकारियों के अनुसार इस गिरोह को पाकिस्तान से कंट्रोल किया जाता है।
बड़े गैंगस्टर्स के नाम का उपयोग कर देते थे धमकी
प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि पहले यह गिरोह लोगों के साथ कौन बनेगा करोड़पति और लाॅटरी निकलने के नाम पर ठगी करता था। धीरे-धीरे इस गिरोह ने गैंगस्टर्स के नाम पर धमकी देकर वसूली शुरू कर दी। यह गिरोह लोगों से वसूली करने व धमकी देने के लिए गोल्डी बराड़, लाॅरेंस बिश्नोई और नीरज बवाना जैसे बड़े गैंगस्टर्स के नाम का उपयोग करता था। विधायकों को धमकी देने के लिए जिन मोबाइल नंबरों का उपयोग किया गया वह मध्य पूर्व के हैं। अधिकारियों के अनुसार जांच में पता चला है कि इस गिरोह का उद्देश्य दहशत फैलाना या हत्या करना नहीं था। यह केवल ठगी करने वाला गिरोह है।