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Gurugram News: घामडोज टोल प्लाजा पर टोल वसूली के विरोध में ग्रामीण एकजुट, 29 मई को महापंचायत का ऐलान

Updated Apr 28, 2022 | 19:24 IST

Gurugram News: घामडोज टोल प्लाजा पर टोल वसूली का विवाद बढ़ता जा रहा है। टोल के 20 किलोमीटर के दायरे में टोल माफी की मांग कर रहे ग्रामीण अब 29 मई को महापंचायत करने जा रहे हैं। इस महापंचायत में सोहना और गुरुग्राम के आसपास के 120 गांवों के लोगों को बुलाया जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
घामडोज टोल प्लाजा के विरोध में 29 मई को होगी महापंचायत
मुख्य बातें
  • घामडोज टोल प्लाजा मामला, टोल माफी को लेकर होगी महापंचायत
  • महापंचायत में आस—पास के 120 गांवों के लोग होंगे शामिल
  • महापंचायत में लिया जाएगा टोल माफी पर अंतिम फैसला

Gurugram News: घामडोज टोल प्लाजा पर आस-पास के ग्रामीणों से टोल वसूली का विवाद बढ़ता जा रहा है। टोल के 20 किलोमीटर के दायरे में टोल माफी की मांग कर रहे ग्रामीण अब 29 मई को महापंचायत करने जा रहे हैं। इस महापंचायत में सोहना और गुरुग्राम के आस-पास के 120 गांवों के लोगों को बुलाया जाएगा। यह फैसला संघर्ष समिति की ओर से सोहना अनाज मंडी में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में समिति ने फैसला लिया कि, घर-घर जाकर लोगों से महापंचायत में पहुंचने की अपील की जाएगी।

गुरुग्राम-अलवर घामडोज टोल के आस-पास रहने वाले लोग अब टोल माफी के लिए आंदोलन की राह पकड़ने की पूरी तैयारी में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, टोल के कारण उनपर आर्थिक दबाव पड़ेगा। ग्रामीण शुरुआत से ही इसका विरोध कर रहे हैं। साथ ही सरकार के प्रति अपना आक्रोश भी व्यक्त कर रहे हैं। रोड का निर्माण अधूरा होने से लेकर सुप्रीम कोर्ट और एनएचएआई के नियमों का हवाला देकर गैर कानूनी तरीके से टोल वसूली को लेकर ग्रामीणों ने कड़ा एतराज जताया।

जानें, क्‍या है पूरा मामला

बता दें कि, इस टोल नाके पर एक अप्रैल से ही वसूली शुरू की गई है। तभी से उसका विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में छह मार्च को भी एक महापंचायत हुई थी, जिसमें लोगों ने इस टोल पर कड़ा एतराज जताया था। साथ ही, 21 सदस्य कमेटी ने स्‍थानीय सांसद राव इंदरजीत सिंह और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से भी मुलाकात की थी।  दोनों ने ही टोल माफी का भरोसा दिलाया था, लेकिन ग्रामीणों को वह नहीं मिल पाई। जिसको लेकर आक्रोशित क्षेत्रवासी लामबंद हो गए थे तथा टोल पर धरना प्रदर्शन किया था। जिसके बाद शासन ने बीच का रास्‍ता निकलाते हुए 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामीणों को 315 रुपये प्रतिमाह पास बनवाने का सुझाव दिया था, लेकिन ग्रामीण इसे मानने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीण पूरी तरह से टोल माफी चाहते हैं।