- डब्ल्यूडीएफसी पर पृथला से दादरी के बीच ट्रायल रन 30 जून से शुरू
- रेवाड़ी से दादरी के बीच इस कॉरिडोर पर दिसंबर से दौड़ेंगी ट्रेनें
- अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनी एक किलोमीटर लंबी सुरंग बेहद अनोखी
Gurugram WDFC: वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) पर रेवाड़ी से दादरी के बीच का ट्रैक बनकर तैयार हो चुका है। अब इस के अलग-अलग हिस्सों पर ट्रायल रन शुरू करने की तैयारी हो रही है। इसके पृथला से दादरी के बीच रेल खंड पर 30 जून से ट्रायल शुरू किया जाएगा। वहीं रेवाड़ी से नूंह के बीच 31 जुलाई से ट्रायल रन होगा। इसी तरह सोहना से पृथला के बीच 31 अगस्त से ट्रायल शुरू किया जाएगा। वहीं नूंह से सोहना के बीच नवंबर में ट्रायल होगा। जिसके बाद दिसंबर माह से इस ट्रैक पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी।
बता दें कि, मालगाड़ियों के लिए बन रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसका निर्माण कई हिस्सों में बांटकर किया जा रहा है, जिससे तेजी के साथ कार्य को तय समय में पूरा किया जा सके। डब्ल्यूडीएफसी पर अरावली पहाड़ी क्षेत्र में एक किलोमीटर लंबी सुरंग भी बनाई गई है, जिस पर अब ड्रेन बनाने का काम चल रहा है। इस कॉरिडोर पर ट्रायल के दौरान रेल इंजन को 100 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। इस दौरान आने वाली सभी कमियों को दूर कर दिसंबर माह से इसे खोल दिया जाएगा।
इस सुरंग से गुजरेंगी दो ट्रेनें एक साथ
इस कॉरिडोर पर सोहना के नजदीक अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनी एक किलोमीटर लंबी सुरंग पूरे विश्व में सबसे अनोखी है। रेलवे का दावा है कि, यह पूरे विश्व में एकमात्र ऐसी सुरंग है, जिसमें से एक साथ दो ट्रेनों गुजर सकेंगी। डीएफसी के अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक वाईपी शर्मा ने बताया कि, इसकी चौड़ाई और ऊंचाई इतनी अधिक है कि, न केवल दो ट्रेनें एक साथ निकलेंगी बल्कि डबल डेकर ट्रेनें भी इसके बीच से चलेंगी। इसकी चौड़ाई 15 मीटर और ऊंचाई 12 मीटर है। दावा है कि ऐसी सुरंग दुनिया में कहीं नहीं है।
एक नजर में डीएफसी
बता दें कि, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर केवल मालगाड़ियां चलेंगी। इसे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) में बांटा गया है। यह पूरा कॉरिडोर देश के कई प्रमुख राज्यों और बंदरगाहों को एक साथ जोड़ेगा। इसके शुरू होने के बाद भारतीय रेलवे नेटवर्क पर चलने वाली लगभग 70 प्रतिशत मालगाड़ियां को इस कॉरिडोर पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस पर मालगालियां 100 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकेंगी।