- कोविड के दौरान स्टेरॉयड लेने वालों को ब्लैक फंगस का खतरा
- ब्लैक फंगस को आठ राज्य पहले ही महामारी घोषित कर चुके हैं।
- ब्लैक फंगस के लिए सिलेंडर से सीधे कोल्ड ऑक्सीजन को भी बताया जा रहा है जिम्मेदार
इस समय देश कोरोना की दूसरी लहर के साथ साथ ब्लैक फंगस का भी सामना कर रहा है। देश के आठ राज्यों ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया है। ब्लैक फंगस के बारे में शुक्रवार को एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कुछ खास बातें बताई थीं। इसी संबंध में एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ पी शरत चंद्रा ने कहा कि फंगल इंफेक्शन नई बात नहीं है। लेकिन जिस तरह से यह महामारी के स्तर तक जा चुका है वो पहले कभी नहीं हुआ।
फंगल इंफेक्शन नई बात नहीं
डॉ चंद्रा कहते हैं कि इसके पीछे की ठोस वजह को बता पाना मुश्किल है। लेकिन एक बात तो है कि कहीं न कहीं कुछ वजह तो जरूर है। हम लोगों के पास इसे स्वीकार करने के लिए हजारों कारण हैं। उनके मुताबिक सबसे बड़ी वजहों में से अनियंत्रित डायबीटिज है, इसके अलावा टोसिलीजुमैब का स्टेरॉयड के साथ इस्तेमाल, मरीज का वेंटिलेंशन पर होना और उसके साथ ऑक्सीजन सपोर्ट का लेना। अगर कोरोना से उबरने के 6 हफ्ते बाद अगर किसी के लिए यह जिम्मेदार बन रहा है तो ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा है।
मरीज को कोल्ड ऑक्सीजन देना खतरनाक
सिलेंडर से सीधे मरीज को कोल्ड ऑक्सीजन देना और खतरनाक है। इसके साथ ही अगर 2 से तीन हऱ्ते कर मास्क का प्रयोग किया जाए तो वो भी ब्लैक फंगस के लिए जिम्मेदार हो सकता है। ब्लैक फंगस को रोकने के लिए एंटी फंगल ड्रग पोसोकोनाजोल, गंभीर रूप से बीमार लोगों को दी जा सकती है।
फंगल इंफेक्शन से उबरे शख्स ने क्या कहा
गुरुग्राम के रहने वाले पुष्कर सरन कहते हैं मैं 42 साल का हूं और मुझे COVID हो गया था। मैंने स्टेरॉयड लिया जिस दौरान यह हुआ। यदि प्रारंभिक अवस्था में निदान किया जाता है और कोई सही चिकित्सा देखभाल के लिए जाता है, तो यह इलाज योग्य है। जब आप स्टेरॉयड लेते हैं, तो मधुमेह की जाँच करते रहें। मैंने इसका अनुबंध किया। उचित परामर्श के बाद ही स्टेरॉयड लें। मेरे चेहरे के बाईं ओर सुन्न हो गया था, आँखों में पानी आ गया था और लाल हो गया था। मेरे ऊपरी जबड़े के बाईं ओर के दांत सुन्न हो गए थे। मैं अब ठीक हूँ। अभी भी कुछ सुन्नता है लेकिन यह ठीक हो जाएगा। मेरी सर्जरी हुई और अब जाकर ठीक हुआ हूं