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स्टेरॉयड से जुड़ी हर जरूरी बात, कोविड के उपचार के दौरान Steroids लेते समय रखें इन बातों का ध्यान

Updated May 22, 2021 | 12:59 IST

Steroids Usages: देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ब्लैक फंगस के मामले भी बढ़ने लगे हैं। बढ़ते हुए मामलों के बाद अब स्टेरॉयड के प्रयोग को लेकर भी अब एक बहस सी छिड़ पड़ी है।

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स्टेरॉयड लेते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान
मुख्य बातें
  • कोरोना महामारी के बीच स्टेरॉयड के प्रयोग को लेकर देश में छिड़ी बहस
  • एम्स के निदेशक बोले- स्टेरॉयड के दुरुपयोग की वजह से बड़े म्यूकोर्मिकोसिस के मामले

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर भारत के लिए घातक साबित हो रही है। अभी तक हजारों की संख्या में लोगों की अकाल मौत हो गई है जबकि लाखों लोग इससे प्रभावित रहे हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न अस्पतालों में इस संक्रमण से उबर रहे लोगों में ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़े हैं। डॉक्टर तथा विशेषज्ञ इसके पीछे की वजह  स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल को भी मान रहे हैं, बहुतायत में लोगों ने बिना डॉक्टर के परामर्श के इसे लिया है।

कई स्टेरॉयड जिनके बारे में पहले कोई नहीं जानता था, उनके नाम अब आमतौर पर जाने जाते हैं क्योंकि कोविड के खिलाफ चल रही लड़ाई में इनका खूब प्रयोग हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ स्टेरॉयड वास्तव में COVID-19 के उन मध्यम से गंभीर मामलों को ठीक करने में प्रभावी हैं, जिन्हें ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों ने बार-बार कहा है कि वे केवल तभी प्रभावी होते हैं जब स्टेरॉयड सही खुराक में और समय पर दिए जाते हैं। हाल ही में, देश में ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि को लेकर मीडिया को संबोधित करते हुए, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि स्टेरॉयड के दुरुपयोग की वजह से कोविड के ठीक होने के बाद म्यूकोर्मिकोसिस के मामले बढ़े हैं।

तो आइए समझने की कोशिश करते है कि COVID-19 उपचार में स्टेरॉयड का उपयोग करने के लिए क्या करें और क्या न करें:

स्टेरॉयड क्या हैं?


कोरोना महामारी के दौरान जब कोई शख्स गंभीर रूप से संक्रमित होता है तो उसे स्टेरॉयड दिया जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो स्टेरॉयड हमारे शरीर में उपस्थित प्राकृतिक हार्मोन के समान मानव द्वारा तैयार किए गए रसायनों का संस्करण है। जब प्राकृतिक रूप से यह तैयार होते हैं तो इसे नैचुरल स्टेरॉयड कहा जाता है और जब इसे चिकित्सकीय रूप से पेश किया जाता है तो इसे सिंथेटिक स्टेरॉयड कहा जाता है।

स्टेरॉयड से कैसै राहत मिलती है?

स्टेरॉयड मूल रूप से शरीर में सूजन की मात्रा को कम करने के लिए तैयार किए गए हैं। इसका उपयोग तब हो सकता है जब शरीर की अपने नैचुरल इम्यून सिस्टम (प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली) किसी भी वायरस, संक्रमण या बैक्टीरिया से लड़ने की कोशिश करता है। यहां यह  जानना महत्वपूर्ण है कि स्टेरॉयड स्थिति को ठीक नहीं करता, लेकिन वे शरीर में सूजन को कम करके रोगी को राहत देते हैं।
 

स्टेरॉयड लेने पर शरीर का क्या होता है?

आमतौर पर, सूजन आना किसी भी संक्रमण, बैक्टीरिया या वायरस के प्रति शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है। अब शरीर में इन वायरस, संक्रमण या बैक्टीरिया से लड़ने के लिए, इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के एक विशेष भाग में सूजन, रेडनेस या गर्मी या तीव्र दर्द पैदा कर सकता है। अधिकांश रोगियों में एक संतुलित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होगी जो बाद के प्रभावों से भी लड़ेगी, लेकिन हम में से कुछ में इम्यून रिस्पॉंस अव्यवस्थित हो सकता है, जो सूजन का कारण बनता है। उदाहरण के लिए, गठिया के रोगियों में, प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों या शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन पैदा करती है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो अधिक नुकसान हो सकता है, ऐसे मामलों में स्टेरॉयड का उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्टेरॉयड बीमारी को ठीक नहीं करता है लेकिन यह अस्थायी राहत देता है और यह तभी काम करता है जब इसकी खुराक सही मात्रा में ली जाए।

स्टेरॉयड और COVID-19 का क्या संबंध है?

जानकारों के मुताबिक अगर स्टेरॉयड सही समय पर या सही मात्रा में न दिया जाए तो यह आपके शरीर को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। एनडीटीवी के मुताबिक, हिंदुजा अस्पताल के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉक्टर लैंसलॉट पिंटो बताते हैं, 'कोविड 19 ही नहीं बल्कि जब किसी भी बीमारी के इलाज की बात आती है तो स्टेरॉयड में समय, खुराक और अवधि अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। याद रखें कि COVID-19 से पीड़ित 85 प्रतिशत लोग अपने आप ठीक हो जाएंगे, उनकी अपनी नैचुरल इम्यूनिटी बीमारी से बचाव करेगी।'

स्टेरॉयड लेने के दौरान क्या ध्यान रखना चाहिए?

याद रखने योग्य मुख्य बिंदु

- स्टेरॉयड अचानक बंद नहीं करना चाहिए।
- स्टेरॉयड को पतला कर देना चाहिए।
- स्टेरॉयड को कभी भी स्व-निर्धारित नहीं करना चाहिए।
- डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल और बंद करना चाहिए।

- सिर्फ मधुमेह ही नहीं, सभी रोगियों को स्टेरॉयड से सावधान रहने की जरूरत है। सबसे अहम बाद बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉयड नहीं लेने चाहिए, वरना यह घातक सिद्ध हो सकते हैं।

स्टेरॉयड के क्या दीर्घकालिक दुष्प्रभाव  हो सकते हैं।


कुछ साइड-इफेक्ट्स के बारे में बताते हुए, डॉ लैंसलॉट पिंटो ने बताया, 'स्टेरॉयड लेने के बाद तुरंत ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि देखी जा सकती है। कुछ तात्कालिक दुष्प्रभाव, जैसे नींद में गड़बड़ी या अनिद्रा हो सकती हैं, लोग बहुत चिड़चिड़े भी हो सकते हैं। हालांकि, यदि स्टेरॉयड को लंबे समय तक जारी रखा जाता है, तो यह आपकी नैचुरल इम्यून रिस्पॉंस को दबा सकता है, जिससे आप फंगल और जीवाणु संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। यह आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को भी कमजोर कर सकता है, आपको बैठने की स्थिति से उठने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। कुछ अन्य प्रभाव जैसे, इससे गुर्दे खराब हो सकते हैं और हृदय रोग जैसी समस्या भी हैं।'