- ग्लूटेन फ्री आटा आंतों को बनाता है स्वस्थ
- पाचन क्रिया बेहतर बनाने में ग्लूटेन फ्री आटा है कारगर
- पोषक तत्वों से भरा होता है ये आटा
ज्यादातर खाद्य पदार्थ मैदे या गेहूं के आटे से बनाए जाते हैं, जबकि सभी जानते हैं कि ये दोनों ही आटे सेहत के लिए फायदेमंद नहीं क्योंकि इसमें ग्लूटेन बहुत होता हे और ये कई तरह की बीमारी का कारण बनते हैं। इस आटे से कई लोगों को एलर्जी होती है तो कुछ लोगों में ये कुछ बीमारियों को बढ़ाने का काम करता है।
यही नहीं वेट बढ़ने का कारण भी ग्लूटेन युक्त आटा भी होता है। डायबिटीज, वेट कम करने, सीलिएक रोगी या ग्लूटेन एलर्जी वालों को ही नहीं, आम लोगों को भी ग्लूटेन फ्री आटे का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। ताकि इससे आंतें स्वस्थ रहें और बेहरत काम कर सकें। हालांकि बहुत बड़ी संख्या में लोग ग्लूटेन युक्त आटा ही प्रयोग करते हैं जो कई तरह की समस्या का कारण बनता है। खास कर वेट लॉस और डायबिटीज-2 में इसका प्रयोग बेहद नुकसानदेह होता है।
बाजार में मौजूद है बहुत से ग्लूटेन फ्री आटे
सौभाग्य से बाजार में विभिन्न प्रकार के ग्लूटेन फ्री आटे मौजूद हैं। हालांकि हर ग्लूटेन फ्री आटे का स्वाद बनावट और पोषक संरचना अलग-अलग होती है। यह आपके टेस्ट पर निर्भर करता है कि आपको किस ग्लूटेन फ्री आटे को खाना अच्छा लगता है। मुख्यत: बाजार में 14 प्रकार के ग्लूटेन फ्री आटे हैं। यहां आपको कुछ खास प्रचलित आटों के बारे में बता रहे हैं।
नारियल का आटा
नारियल का आटा सूखे नारियल से बनाया जाता है। इस आटे में एक मिठास भी होती है और ये नारियल का स्वाद लिये होता है। इसमें किसी भी अन्य आटे की तुलना में हाई फैट और हाई फाइबर होता है। अखरोट और ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए नारियल का आटा एक अच्छा विकल्प साबित होता है।
जई का आटा
जई के आटे में बीटा-ग्लूकेन नामक घुलनशील फाइबर होता है,जो सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता हे। फाइबर, प्रोटीन और पोषण से भरा ये आटा कुकीज़ ब्रेड या अन्य चीजों को बनाने में यूज होता है। सीलिएक रोगी या ग्लूटेन एलर्जी के साथ जिन्हें वेट कम करना है और जो डायबिटीज पेशंट्स हैं उन्हें इस आटे को जरूर खाना चाहिए।
टैपिओका आटा
टैपिओका का आटा कसावा के जड़ से निकाले गए तरल पदार्थ से बनाया जाता है। यह एक स्टार्चयुक्त सफ़ेद पाउडर है जिसे अक्सर सूप और सॉस को गाढ़ा बनाने के लिए मिलाया जाता है। साथ ही ये ब्रेड में भी प्रयोग होता है। कार्बोहाइड्रेट के अलावा टैपिओका आटा फाइबर,प्रोटीन से भरा होता है और यही कारण है कि ये वेट लॉस और आंतों की सुरक्षा के लिए बेहतर है।
ज्वार का आटा
ज्वार लाल और सफेद किस्मों में भी होता है और इसे पीस कर आटा बनाया जाता है। ये स्वाद में मिठास लिए होता है। एंटीऑक्सीडेंट बहुत होता है और ये प्रोटीन,फाइबर, आयरन, फास्फोरस,पोटेशियम, विटामिन बी और कई तरह के खनिज से भरा होता है। इसका आटा रक्त शर्करा की स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है साथ ही ये पाचन में भी मदद करता है। पेनकेक्स,ब्रेड,मफिन और कुकीज़ के लिए भी एक बढ़िया विकल्प है।
ब्राउन राइस का आटा
ब्राउन राइस से भी आटा बनाया जाता है। पौष्टिकता के साथ इसमें स्वाद भी होता है। इसका उपयोग सॉस को गाढ़ा करने या मछली और चिकन को तैयार करने के लिए किया जा सकता है। ब्राउन चावल का आटा अक्सर नूडल्स बनाने के लिए उपयोग किया जाता है और इससे रोटी,कुकीज और केक भी बनते हैं। यह आटा प्रोटीन और फाइबर में उच्च है जो दोनों रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और वजन को कम करने में मदद करता है।
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