- बीते 14 दिन में 22,33,032 लोग हुए कोरोना से संक्रमित, हजारो लोगों ने गंवाई जान।
- प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने के साथ वायरस के खतरे को करती है कम।
- एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर गोल्डन मिल्क यानी हल्दी वाला दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाता है मजबूत।
Ayurvedic remedies in hindi : भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से उबरने के लिए जद्दोजहद कर रहा था, वहीं ओमीक्रोन के भयावह प्रकोप ने चिंता और भी बढ़ा दी है। रोजाना कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ो में विस्फोटक वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 14 दिन में 22,33,032 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और हजारों की संख्या में लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। कोरोना के इस प्रचंड रूप को देखते हुए लोग अपनी इम्यूनिटी के प्रति अधिक सजग हो गए हैं। संक्रामक रोगों से दूर रहने व निपटने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना आवश्यक है। प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने के साथ वायरस के खतरे को कम करती है।
बता दें इम्यून सिस्टम को रातों रात मजबूत नहीं बनाया जा सकता, लेकिन कुछ चीजों का सेवन कर आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बना सकते हैं। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपक कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपाय और चीजें बताएंगे जिसका सेवन कर आप अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। आइए जानते हैं।
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Ayurvedic health tips for strong immunity
1. हल्दी वाला दूध
एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर हल्दी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। दूध के साथ इसका सेवन इसे कई गुना गुणकारी बनाता है। यह ना केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है बल्कि नई रक्त कोशिकाओं का भी निर्माण करता है। तथा ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। यह पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने के साथ शरीर में सूजन को कम करता है। साथ ही गले की खराश से राहत दिलाता है और मौसमी बीमारियों से निजात दिलाता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। ऐसे में रोजाना सोते समय एक कप दूध में एक चम्मच भुना हुआ हल्दी डालकर सेवन करें।
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2. नस्य थेरेपी
नस्य थेरेपी संक्रमण पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए किया जाता है। इसके लिए अपने नाक में घी, सरसो, तिल या नारियल के तेल की कुछ बूंदे डालें। यह मौसमी बीमारियों से निजात दिलाने व सर्दी जुकाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए रामबांण उपाय है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। इसके लिए आपको बस दो बूंद तेल नाक में डालकर लेट जाना है, ऐसा आप रोजाना नहाने से पहले या फिर रात को सोने से पहले करें।
3. च्यवनप्राश
सर्दियों में मौसमी बीमारियों के संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है, वहीं कोराना के भयावह के प्रकोप के कारण इसका खतरा दोगुना हो गया है। ऐसे में इस मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजूबूत बनाने के लिए च्यवनप्राश से बेहतर कुछ नहीं है। च्यवनप्राश कई तरह की जड़ी बूटियों व जड़ों से बनाया जाता है, जो आपको अंदर से गर्म रखने के साथ संक्रमण के खतरे को कम करता है। रात को सोते समय गर्म दूध या गर्म पानी के साथ रोजाना च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं, इसके लिए एक कप पानी या दूध में एक बड़ा चम्मच च्यवनप्राश मिलाएं और दिन में 2-3 बार इसके सेवन करें।
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4. प्राणायाम
प्राणायाम सबसे सरल योगासन में से एक है। यह ना केवल सांस संबंधी गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने व दूर रखने में मदद करता है बल्कि पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने में भी मदद करता है। इसके अलावा कपालभांति और भस्त्रिका दोनों श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने में कारगार होते हैं। यदि आप सांस संबंधी किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो नाड़ी सोधन सबसे अच्छा विकल्प है।
5. हर्बल चाय
एंटी इंफ्लेमेंट्री, एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर हर्बल चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए रामबांण उपाय है। यह शरीर के सूजन को कम करने और मौसमी बीमारियों से निजात दिलाने में बी मदद करता है। साथ ही सर्दी और फ्लू जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके लिए चाय बनाते समय अपने कप में अदरक, लौंग, इलायची, काली मिर्च और अन्य जड़ी बूटियां शामिल करें।