- बीते 24 घंटे में कोरोना के नये मामले ढाई लाख पार, 402 लोगों ने गंवाई जान।
- ओमीक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक लेकिन कम खतरनाक।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक होम आइसोलेशन की अवधि 10 दिनों की होनी चाहिए।
देश में कोरोना की तीसरी लहर कहर बरपा रही है। वैज्ञानिकों द्वारा फरवरी में तीसरी लहर के पीक का अंदाजा लगाया जा रहा है, लेकिन फरवरी से पहले ही कोरोना के मामलों में जोरदार इजाफा हो रहा है। ओमीक्रोन की संक्रमण दर डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा है। बीते 24 घंटे में कोरोना के ढ़ाई लाख से ज्याद नए मामले सामने आने के बाद कोहराम मच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे कोरोना की तीसरी लहर के बजाए सुनामी बता रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 2,68,833 नये मामले दर्ज किए गए और 402 लोगों ने अपनी जान गंवाई, कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 14,17820 हो गई है। हालांकि विशेषज्ञों द्वारा ओमीक्रोन को डेल्टा की तुलना में कम खतरनाक बताया जा रहा है। यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन पीरियड 14 दिन से घटाकर 10 दिन कर दिया है। वहीं यूनाइटेड किंगडम में सरकार ने होम आइसोलेशन पीरियड दस दिन से घटाकर सात दिन कर दिया है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ओमीक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है लेकिन कम खतरनाक है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को, यूके में 10 दिनों तक होम आइसोलेशन करना पड़ता था, लेकिन तीसरी लहर के बाद सरकार ने इसे घटाकर सात दिन कर दिया है।
वहीं अटलांटिक के दूसरी ओर यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन जारी कर इसे पांच दिन कर दिया है। हाल ही में स्वास्थ्य सचिव साजिद जावेद ने घोषणा की है कि इंग्लैंड में कोरोना से संक्रमित या लक्षण पाए जाने पर व्यक्ति को अब 5 दिनों तक होम आइसोलेशन करना होगा।
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तीन से छह दिनों में दिखते हैं गंभीर लक्षण
कुछ लोगों का कहना है कि ओमीक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में काफी हल्का है, इससे संक्रमिक होने वाले अधिकतर लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नही पड़ती। लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि टीकाकरण के बावजूद ओमीक्रोन अपना तेजी से कहर बरपा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि होम आइसोलेशन की अवधि कम से कम 10 दिन की होनी चाहिए। हाल ही में विशेषज्ञों ने दुनियाभर के 5430 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का परीक्षण किया। उनका कहा है कि 80 प्रतिशत मरीज ऐसे पाए गए जो सात दिनों की होम आइसोलेशन की अवधि पूरा करने के बाद भी संक्रमित थे। रिसर्च में देखा गया कि कोरोना संक्रमितों में पहले कुछ दिनों में कम लक्षण देखे गए, लेकिन 4 से 7 दिनों के भीतर उनमें गंभीर लक्षण देखे गए।
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वहीं हाल ही में जापान के एक प्रीप्रिंट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक होम आइसोलेशन की अवधि 10 दिनों की होनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर मरीजों में ओमीक्रोन के लक्षण 3 से 6 दिनों के भीतर ज्यादा देखे गए हैं। ऐसे में होम आइसोलेशन की अवधि 10 दिन से कम करना ठीक नहीं है। ऐसे में लोगों की सवाल है कि सरकार क्यों लगातार होम आइसोलेशन की अवधि कम कर रही है? आइए जानते हैं क्या है इसका कारण।
सामाजिक और आर्थिक दबाव
बता दें कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद देश दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरु करने के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की गई थी, लेकिन नवंबर से कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बाद रिकवरी पर पानी फिरता नजर आ रहा है। यही कारण है कि दुनियाभर के देशों द्वारा होम आइसोलेशन की अवधि कम की जा रही है।