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Silent Heart Attack: 25 प्रतिशत मामले में हार्ट अटैक होता है साइलेंट, ऐसे पहचानें संकेत

Updated Sep 23, 2019 | 15:43 IST |

तेजी से बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों में 25 प्रतिशत अटैक साइलेंट होता है और ये मौत की वजह तक बन जाता है। साइलेंट हार्ट अटैक मे कई बार मरीज तक नहीं समझ पाता है कि उसे अटैक पड़ा है।

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
Silent Heart Attack
मुख्य बातें
  • सीने में भारीपन, हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है 
  • कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी के कारण बढ़ता है खतरा
  • एक्सरसाइज और सही खानपान से दिल रहेगा स्वस्थ

साइलेंट हार्ट अटैक में कई बार यह समझ ही नहीं आता कि ये हार्ट अटैक है। कई बार इसे लक्षण तक नजर नहीं आते और अचानक से आदमी दर्द से बैचेन हो उठता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि साइलेंट अटैक ज्यादा खतरनाक होते हैं। इसलिए अटैक के सभी लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है। कई बार सीने में होने वाले दर्द या बेचैनी को हम या तो इग्नोर कर देते हैं या उसे किसी अन्य समस्या का कारण मान बैठते हैं। ये नजरअंदाजी ही कई बार जानलेवा साबित हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि अटैक आने के कारण, लक्षण और बचने के उपाय को जरूर जाना जाए।

शरीर में ब्लड के जिरये ऑक्सीजन कोने-कोने में जाती हैं लेकिन इसे पहुंचाने का काम हार्ट करता है। लेकिन कई बार कोलेस्ट्रॉल के रूप में फैट हार्ट की धमिनियों में ऐसा जमा होने लगता है कि ब्लड सर्कुलेशन रुकने लगता है। इससे हार्ट को या तो ज्यादा दुगनी गति से पंप करना पड़ता है या हार्ट पर इतना दबाव पड़ता है कि वो फेल हो जाता है। कुछ सेकंड्स में यदि स्थित सामान्य न हो तो आदमी की मौत हो जाती है।

साइलेंट हार्ट अटैक भी देता है संकेत, पहचानना है जरूरी

दिल तक ऑक्सीजन क्यों नहीं पहुंच पाता
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है तो ब्लड़ भी गाढ़ा होने लगता है। इससे धमनियों में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता। धमिनियों में प्लाक जमने से ये ब्लॉक होने लगती हैं। इससे ब्लड का फ्लो सही नहीं होता। हालांकि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत शरीर दे रहा होता है। जब आपको सीने में दर्द महसूस हो, बेचैनी या दिल की धड़कन अचानक से तेज हो जाए तो समझ लें कि कुछ न कुछ शरीर में गड़बड़ी हो रही है। क्योंकि इन समस्याओं का सीधा असर हार्ट पर ही पड़ता है।

हाईबीपी से भी रहे सावधान
कोलेस्ट्रॉल की तरह ही हाईबीपी का होना भी हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसलिए कोशिश करें कि हाईबीपी की समस्या न हो यदि हाई बीपी है तो उसकी नियमित जांच और दवा लेते रहें। क्योंकि दवा लेने में भूल हार्ट पर दबाव डालता है इससे पैरालाइसिस अटैक जैसे खतरे तक पैदा हो जाते हैं।

यदि शरीर दे रहा कोलेस्ट्राल या बीपी बढ़ने के संकेत तो खानपान में करें सुधार
ओट्स से बेहतर कुछ नहीं : यदि आपको कोलेस्ट्रॉल या हाई बीपी, डायबिटीज कुछ भी हो तो आपको अपने दिन की शुरुआत ओट्स से करनी चाहिए। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं और डायबिटीज और वेट को भी मैनेज करते हैं।

लहसुन जरूर खाना शुरू करें : नेशनल कार्डियोलॉजिकल की रिपोर्ट भी बताती है कि जो लोग रोज लहस़ुन सुबह- सुबह खाते हैं उनके कोलेस्ट्रॉल काबू में रहते हैं। इतना ही नहीं जिनकी धमनियों में फैट जमा है उसे भी लहसुन खाने से दूर किया जा सकता है। लहसुन खाने से हाई ब्लड प्रेशर व बैड कोलेस्ट्रॉल दोनों ही कंट्रोल होते हैं।

अनार और कीवी खाएं : कीवी और अनार केवल दिल ही नहीं पूरे शरीर के अंगों पर बहुत करागर हैं। इन्हें खाने से धमनियों में जमा फैट पिघल जाता है, वहीं लिवर और किडनी भी बेहतर काम करते हैं। अनार में पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल्स शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर बढ़ाता है, जिससे धमनियों की ब्लॉकेज खुलती है।

इन बातों का रखें ध्यान, तो दिल रहेगा स्वस्थ
अपने वेट के साथ ही अपने बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल पर नजर बनाएं रखें। 40 की उम्र के बाद अपने शरीर की जांच कराते रहें।
रोजाना कम से कम 45 मिनट की वॉक या साइकिलिंग करें।
अल्कोहल, स्मोकिंग और तनाव से दूर रहने का प्रयास करें।

हार्ट अटैक के लक्षण 12 घंटे पहले से मिलने लगते हैं। यदि असहज महसूस हो या सांस लेने में तकलीफ के साथ सीने में भारीपन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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