- मोटापे से सिर्फ बॉडी शेप ही खराब नहीं होता बल्कि शरीर में कई तरह की बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती हैं
- वजन बढ़ने से थकान और शरीर में सुस्ती बनी रहती है
- पेट की चर्बी और मोटापा बढ़ने से डायबिटीज, हृदय रोग, अर्थराइटिस और पेट से जुड़ी बीमारियां होती हैं
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब लाइफस्टाइल के कारण मोटापा होना एक आम समस्या है। पुरुष और महिलाएं दोनों ही बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हैं। मोटापे से सिर्फ बॉडी शेप ही खराब नहीं होता बल्कि शरीर में कई तरह की बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती हैं। वजन बढ़ने से थकान और शरीर में सुस्ती बनी रहती है।
पेट की चर्बी बढ़ने के शरीर पूरी तरह फिट नहीं रहता है और आपका शरीर न तो अट्रैक्टिव दिखता है और ना ही मनचाहा ड्रेस आपके शरीर पर सुंदर लगता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पेट की चर्बी और मोटापा बढ़ने से डायबिटीज, हृदय रोग, अर्थराइटिस और पेट से जुड़ी बीमारियां होती हैं। माना जाता है कि मोटापा दूर करने के लिए योगासन सबसे ज्यादा कारगर होता है। इस आर्टिकल में हम आपको मोटापा दूर करने के लिए तीन योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं।
पादहस्तासन
पेट की चर्बी कम करने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद होता है। पादहस्तासन दो शब्दों पद और हस्त से मिलकर बना है। जहां पद का मतलब पैर और हस्त का मतलब हाथ है। यह आसन करने से सिर्फ बेली फैट ही कम नहीं होता है बल्कि हृदय से जुड़ी बीमारियां भी दूर हो जाती हैं और संपूर्ण स्वास्थ ठीक रहता है। एक महीने तक नियमित रुप से पादहस्तासन का अभ्यास करने से पेट की चर्बी समाप्त हो जाती है।
पादहस्तासन करने का तरीका
- यह आसन करने के लिए फर्श पर एकदम सीधे खड़े हो जाएं।
- इसके बाद धीरे धीरे अपने कूल्हों से झुकते हुए हाथों की उंगलियों से पैरों को छूने की कोशिश करें।
- कुछ सेकेंड तक इसी अवस्था में बने रहें और फिर सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।
- 5 से 7 बार इस आसन का अभ्यास करें।
पादहस्तासन करने के फायदे
- यह आसन झुककर किया जाता है। झुकने से पेट पर दबाव पड़ता है जिससे पेट की चर्बी कम होती है।
- यह आसन करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे बदहजमी, अपच, पेट फूलना आदि से मुक्ति मिल जाती है।
- पादहस्तासन करने से शरीर में लचीलापन आता है, थकान दूर होती है और एकाग्रता बढ़ती है।
- यह आसन करने से बच्चों की लंबाई तेजी से बढ़ती है।
कपालभाति प्राणायाम
यह बहुत ही लोकप्रिय प्राणायाम है। इसे जीवन की संजीवनी कहा जाता है। कपालभाति सभी योगासनों में सबसे लाभदायक प्राणायाम है। रोजाना कपालभाति का अभ्यास करने से बेली फैट बहुत तेजी से कम होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रुप से इस आसन को करने से मोटापा कम होता है, शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन होता है और शरीर के अंदर जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
कपालभाति प्राणायाम कैसे करें
- फर्श पर चटाई बिछाकर आरामदायक पोजीशन में बैठें और सिर एवं रीढ़ी की हड्डी को सीधा रखते हुए अपने हाथों को पैर के घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
- इसके बाद अपनी आंखें बंद करें और शरीर को ढीला छोड़ दें। अब दोनों नासिका से गहरी सांस लें।
- फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए सांस बाहर निकालें।
- प्रारंभ में 10 मिनट तक इस प्राणायाम का अभ्यास करें और इसके बाद धीरे धीरे समय बढ़ाएं।
कपालभाति प्राणायाम के फायदे
- यह प्राणायाम करने से शरीर का मेटोबोलिज्म बढ़ता और वजन कम होता है।
- पेट की चर्बी को कम करके बॉडी को शेप में लाने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है।
- कपालभाति डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भी काफी फायदेमंद है।
- यह प्राणायाम करने से तनाव और डिप्रेशन भी दूर होता है।
- सांस के रोगों के लिए भी यह आसन फायदेमंद है।
परिवृत्त पार्श्वकोणासन
यह आसन करना कठिन होता है लेकिन नियमित अभ्यास से कठिनाई दूर हो जाती है। परिवृत्त पार्श्वकोणासन का रोजाना अभ्यास करने से पेट की चर्बी तो कम होती ही है साथ में यह मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और कब्ज की समस्या को दूर कर पाचन क्रिया मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और सांस लेने की समस्याओं को दूर करने में भी यह आसन फायदेमंद है।
परिवृत्त पार्श्वकोणासन करने का तरीका
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए ताड़ासन मुद्रा में फर्श पर खड़े हो जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों पैरों को 4 से 4.5 फीट तक खोलें।
- अपने दोनों हाथों को भी दोनों दिशाओं में खोलें।
- इसके बाद अपने बाएं हाथ को दाहिने पंजे से पास झुकाकर लाएं और हथेली को जमीन पर रखें।
- अब अपने दाएं हाथ को ऊपर की दिशा में बिल्कुल सीधा रखें।
- इस मुद्रा में 10 सेकेंड तक बने रहें और फिर सामान्य पोजीशन में वापस आ जाएं।
- अब यही प्रक्रिया दूसरे हाथ से भी करें। कम से कम 10 बार इस आसन का अभ्यास करें।
परिवृत्त पार्श्वकोणासन करने के फायदे
- यह आसन करने से टांगों, घुटनों और टखनों में स्ट्रेच आता है जिससे इनमें मजबूती आती है।
- शरीर के निचले हिस्से जैसे पेट, जांघ और कूल्हों पर जमा चर्बी को कम करने में यह आसन मदद करता है।
- यह आसन करने से कमर दर्द, पीठ, पैर और जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है।
- अस्थमा और सांस की तकलीफ दूर करने में भी यह आसन फायदेमंद है।
इन तीनों योगासन का रोजाना अभ्यास करने से पेट की चर्बी बहुत तेजी से कम होती है और शरीर सुंदर और आकर्षक दिखायी देता है।