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Coronavirus Vaccine: वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी ! पहले से मौजूद दवा कोरोना वायरस का कर सकती है सामना

Updated Aug 15, 2020 | 17:42 IST

corona medicine: रूस में कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक v को लांच कर दिया है। लेकिन कुछ देशों को उस वैक्सीन की विश्वसनीयता पर शक है। इस बीच वैज्ञानिकों ने एक खास दवा की पहचान की है जो कोरोना वायरस का सामना कर सकती है।

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दुनिया के 185 देश कोरोना संक्रमण के शिकार
मुख्य बातें
  • वैज्ञानिकों का दावा, एमप्रो के जरिए प्रोटीन बनाकर होस्ट सेल में मौजूद कोरोना वायरस का खात्मा हो सकता है।
  • अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय में शोध जारी
  • रूसी वैक्सीन स्पुतनिक v पर अमेरिकी जानकारों को है शक

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से निपटने के लिए रूस मे स्पुतनिक वैक्सीन v लांच कर दिया है। लेकिन अमेरिका समेत कई देशों को वैक्सीन की सुरक्षा और उपयोगिता पर शक है. इन सबके बीच वैज्ञानिकों ने पहले से मौजूद एक ऐसे ड्रग के बारे में पता लगाया है जो कोरोना वायरस का खात्मा कर सकती है। यह दवा अमूमन बाइपोलर डिस्ऑर्डर और हियरिंग लॉस के इलाज में की जाती है। इस संबंध में साइंस एडवांस जर्नल में शोध प्रकाशित की गई है। शोध में मेन मॉलीक्यूल एम प्रो की पहचान की गई है जो एक एंजाइम है और वो नोवल कोरोना वायरस का सामना कर सकती है। 

शिकागो विश्वविद्यालय का अहम शोध
शिकागो विश्विविद्यालय के साथ साथ दूसरे शोधकर्ताओं का कहना है कि एमप्रो के जरिए कोरोना वायरस का सामना करने वाले प्रोटीन का निर्माण करने में सहायक है। इसके जरिए जि पैथोजेन का निर्माण होता है उसकी वजह से सेल में मौजूद कोरोना वायरस का खात्मा किया जा सकता है।बॉयोलॉजिकल मॉलीक्यूल्स की सिमुलेशन के जरिए वैज्ञानिकों ने हजार से ज्यादा दवाओं को छांटा और पाया कि एमप्रो कोरोना वायरस का सामना कर सकता है।

एमप्रो एबीसीलीन के सेफ होने का दावा
शोध में पाया गया है कि एमप्रो एबसीलीन एक केमिकल कंपाउंड है जो एंटी वायरल, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सीडेटिव, बैक्टीरिया को मारने के साथ साथ सेल को सुरक्षा देता है। इसके अलावा एबसीलीन के जरिए अलग अलग तरह के रोगों का भी इलाज किया जाता है। इस दवा का इंसानों पर कई दौर का परीक्षण करने के बाद पाया गया कि यह पूरी तरह सुरक्षित है।