- रूस ने पहली कोरोनवायरस वायरस विकसित करने में सफलता हासिल कर ली है
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा दावा किया है
- पुतिन ने यह भी बताया कि उनकी बेटियों को यह टीका लगाया जा चुका है
Russia developed World's First Coronavirus Vaccine: विश्व की की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन रूस में लॉन्च होने जा रही है, ऐसा कहा जा रहा है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि रूस ने पहली कोरोनवायरस वायरस विकसित करने में सफलता हासिल कर ली है, रूस इस वैक्सीन के लिए पिछले काफी समय से प्रयासरत था।
रूस का कहना है कि वह अपने कोरोना टीके का बड़े पैमाने पर उत्पादन सितंबर से शुरू कर सकता है, वैक्सीन को अप्रूवल मिलता है तो यह दुनिया की पहली प्रमाणिक कोविड-19 वैक्सीन होगी,गौरतलब है कि तमाम देश इस काम में लगे हैं लेकिन किसी भी देश को अभी तक वैक्सीन बनाने में सफलता नहीं मिली है।
मॉस्को टाइम्स ने टेलिविज़न कैबिनेट के एक प्रसारण कार्यक्रम में पुतिन ने कहा, 'आज सुबह, दुनिया में पहली बार, नए कोरोनोवायरस के खिलाफ एक टीका दर्ज की गई थी।' 'मुझे पता है कि यह प्रभावी है और स्थायी प्रतिरक्षा बनाता है।'
राष्ट्रपति पुतिन की बेटी को मिला डोज
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि पुतिन की बेटी को टीके का डोज मिला है, इससे पहले, यह बताया गया था कि देश बुधवार यानि 12 अगस्त को अपने टीके उम्मीदवार को पंजीकृत करेगा। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन टेस्ट के दौरान सफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी एक बेटी ने भी वैक्सीन की डोज ली है और वह अच्छा महसूस कर रही है।
पुतिन का ऐलान-बड़ी संख्या में वैक्सीन की डोज बनाया जाएगा
AFP की जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन को मॉस्को के गामेल्या इंस्टीट्यूट ने डेवलेप किया है, रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को सफल करार दिया, पुतिन ने ऐलान किया कि रूस में जल्द ही इस वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा और बड़ी संख्या में वैक्सीन की डोज बनाया जाएगा।
ऐसे में रूस का ये दावा खासा बड़ा माना जा रहा है और उम्मीद है कि इससे कोरोना के बढ़ते प्रसार पर रोक लगेगी, कोरोना का कहर देश दुनिया के तमाम हिस्सों में है और ये बढ़ता ही जा रहा है। तेजी से विकसित वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर व्यापक चिंताओं के बीच, देश ने मंगलवार 11 अगस्त की सुबह दुनिया का पहला कोरोनावायरस वैक्सीन पंजीकृत किया है।
पिछले हफ्ते, स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की कि वह सितंबर में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने और अक्टूबर में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है। रिसर्चर्स का दावा है कि वैक्सीन में जो पार्टिकल्स यूज हुए हैं, वे खुद को रेप्लिकेट (कॉपी) नहीं कर सकते। रिसर्च और मैनुफैक्चरिंग में शामिल कई लोगों ने खुद को इस वैक्सीन की डोज दी है।