- नाक से सांस लेने पर निकलता है नाइट्रिक ऑक्साइड, जो फेफड़ों के कार्यक्षमता में वृद्धि करता है।
- इस व्यायाम को प्रतिदिन कर पाएं अस्थमा और दमा जैसी गंभीर बीमारियों से निजात।
- ऐसे जानिए आपके सांस लेने का तरीका सही या गलत।
हम खाने से पहले खाने के क्वालिटी की जांच करते हैं और पानी पीने से पहले पानी के शुद्धता को देखते हैं। लेकिन सांस लेने से पहले हम इसके सही तरीके को नहीं परखते। क्योंकि हमें लगता है कि सांस अपने आप आ जाएगी और यही गलती इंसान को धीरे-धीरे सांस संबंधी गंभीर बीमारियों की ओर धकेल देती है। गलत तरीके से सांस लेना ना केवल गंभीर बीमारियों को दावत देता है मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर डालता है। ऐसे में आज हम आपको सांस लेने का सही तरीका और इसके शारीरिक लाभ बताएंगे। आइए जानते हैं।
नाक से लें सांस
हम में से अधिकतर लोग मुंह से सांस लेते हैं, लेकिन आपको बता दें मुंह से सांस लेना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। यह ना केवल संक्रमण के खतरे बढ़ाता है बल्कि फेफड़ों के कार्यक्षमता पर भी असर डालता है। इससे नींद में कमी, मुंह से बदबू आना, कुछ समय बाद सांस लेने में परेशानी होना आदि जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। इसलिए भूलकर भी मुंह से सांस ना लें हमेशा कोशिश करें की नाक से सांस लें। नाक से सांस लेने पर नाइट्रिक ऑक्साइड निकलता है जो कि फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे ऑक्सीजन का अवशोषण बढ़ जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी कारगार होता है।
ऐसे जाने आपके श्वास लेने का तरीका सही है या गलत
आपको बता दें सांस लेते समय आपका पेट अंदर बाहर जाता है। सांस लेने का सही तरीका परखने के लिए आप पीठ को सीधा रखें और बैठ जाएं। फिर पेट पर हाथ रखें और अब श्वास अंदर बाहर लें, इस दौरान आप पेट पर भी गौर करें। आपका पेट अंदर बाहर की तरफ जाएगा। यदि सांस भरते समय पेट बाहर की तरफ आता है तो आपके सांस लेने का तरीका सही है वहीं यदि पेट अंदर की तरफ जाता है तो यह गलता है। इसके लिए आपको अपने सांस लेने के तरीके में सुधार करना है। आपको बता दें सांस भरते समय पेट बाहर की तरफ आता है और छोड़ते समय पेट अंदर का ओर जाता है।
अस्थमा और दमा की बामीरी से पाएं निजात
अस्थमा और दमा की बीमारी से निजात दिलाने और इनके संक्रमण से दूर रखने में सही तरीके से सांस लेना या व्यायाम एक कारगार उपाय है। योग के द्वारा आप इसकी चिकित्सा कर सकते हैं। इसके लिए पीठ को सीधी रखते हुए पद्मासन, सुखासन या सिंहासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सांस को धीरे घीरे अंदर लें और बाहर छोड़े, लंबी गहरी सांस फेफड़ों में भरें और छोड़ें, 20 से 30 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। आपको बता दें नियमित तौर पर इसे करने से आप अस्थमा और दमा की बीमारी से निजात पा सकते हैं और इशके संक्रमण को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं। साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में भी एक कारगार उपाय है जो मौसमी बीमारियों सर्दी जुकाम की समस्या से निजात दिलाने में रामबांण सिद्ध होता है।
ये एक्सरसाइज कर हो जाएं रोगमुक्त
यदि दिन में थोड़ा सा समय भी गहरी और लंबी सांस लेने वाली एक्सरसाइज के लिए निकाला जाए तो आप कई गंभीर बीमारियों से निजात पा सकते हैं और इनके संक्रमण से दूर रह सकते हैं। यह तनाव को खत्म कर डिप्रेशन की समस्या से कोसों दूर रखता है और आपके मस्तिष्क और शरीर को आराम पहुंचाता है। साथ ही इससे ऑक्सीजन के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे ऑक्सीजन शरीर की सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में पहुंचता है। इसके लिए आप गहरी सांस वाले योगासन को नियमित तौर पर करें।