- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से संबंधित शिकायतों पर एम्स निदेशक का खास बयान
- अभी तक जो डेटा आए हैं उसके हिसाब से डरने की जरूरत नहीं है
- यूरोप के कई देशों मे पाबंदी लगाई और कई देशों में हो रहा है विरोध
कोरोना महामारी के खिलाफ दुनिया भर में टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अलग अलग देशों में अलग अलग टीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका के टीके पर यूरोप के देशों में सवाल भी उठा है और कुछ देशों मे पाबंदी भी लगाया है। दरअसल इस बात की शिकायत आ रही है कि एस्ट्रोजेनेका से रक्त में थक्का बन रहा है। लेकिन इस संबंध में एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अगर आप आस्ट्रिया और नार्वेजियन कंट्री को देखें तो वहां दिक्कत हैं। लेकिन अगर आप दूसरे जगहों को देखें तो लाखों लोगों में इस्तेमाल किया गया है जिसमें किसी तरह की दिक्कत या परेशानी नहीं है।
यूरोप के कई देशों ने इस्तेमाल रोका
इस टीके के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले देशों में फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन शामिल हैं। एस्ट्राजेनेका का कोराना टीका उन तीन वैक्सीन में शामिल है जिसका यूरोप में इस्तेमाल हो रहा है। इस टीके के इस्तेमाल पर रोक के लिए जिस तरह से देश लामबंद हो रहे हैं उससे यूरोप में टीकाकरण अभियान को झटका लगा है।
रक्त में थक्का बनने की शिकायत
इस टीके के बारे में आ रही शिकायतों को देखने के लिए यूरोपीय यूनियन की नियामकीय एजेंसी ने गुरुवार को विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में अगली रणनीति पर चर्चा की गई। पिछले कुछ दिनों में यूरोप के देशों में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ा है और इसे देखते हुए कोविड-19 के प्रोटोकॉल एवं उपायों को सख्त किया गया है और स्कूलों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध कड़े किए गए हैं।