- कोरोनावायरस के दूसरे लहर ने भारत में कोहराम मचा रखा है, जिसके वजह से भारत को कई जानें गवानी पड़ी हैं।
- कोविड के बुखार, खांसी, सर्दी, सिर दर्द जैसे कई लक्षण हैं, मगर बीते कुछ महीनों में कोविड के कई नए लक्षण भी सामने आए हैं।
- कुछ खबरों के अनुसार, यह पता चला है कि कोविड के पेशेंट्स में अब ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस के साथ गैंग्रीन का खतरा भी बढ़ गया है।
कोरोनावायरस के दूसरे लहर ने कोविड मरीजों की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। इसके साथ कई ऐसे लक्षणों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस और येलो फंगस ने इस परिस्थिति को और चिंताजनक बना दिया है। इसी बीच कई विषेशज्ञ यह बता रहे हैं कि गैंग्रीन एक समस्या है जो अब कोविड पेशेंट्स को अपना शिकार बना सकती है। दिल्ली के कुछ डॉक्टरों ने यह बताया है कि गैंग्रीन एक स्किन टिशू इंफेशन है जो कोविड-19 का संकेत दे सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि यह कोविड मरीजों के लिए ब्लैक फंगस जितना ही हानिकारक हो सकता है।
कितनी है गैंग्रीन की जानकारी?
डॉ राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के कुछ डॉक्टरों की टीम ने कोविड-19 और गैंग्रीन से आधारित कुछ शोध से जानकारियां प्राप्त की हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मरीज का प्रशिक्षण करते समय उन्हें गैंग्रीन के कुछ संकेत मिले। यह मरीज 65 वर्ष का था और टिपिकल अप्पर रेस्पिरेट्री सिम्टम्स दिखने से पहले इसमें गैंग्रीन के कुछ संकेत मिले थे। इस मरीज को कोई अन्य बीमारियां नहीं थीं मगर उसे वीकनेस और लिम्ब्स के पास थ्रोम्बोटिक पेन हो रहा था।
प्रशिक्षण करने के बाद उस मरीज में सूजन, पुअर पल्स, रंगत उड़ जाना जैसी समस्याएं देखी गई थीं। उसका इलाज स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक से किया जा रहा था मगर कोविड पॉजिटिव निकलने के कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी। लक्षणों में बढ़ोतरी को देखते हुए डॉक्टर यह बता रहे हैं कि कोविड-19 के साथ गैंग्रीन का रिस्क खतरनाक साबित हो सकता है।
गैंग्रीन क्या है?, what is gangrene
जब ब्लड सप्लाई के अभाव से स्किन टिशू मर जाते हैं, तब उस परिस्थिति को गैंग्रीन का नाम दिया जाता है। यह समस्या त्वचा के छोर के साथ पैर का अंगूठा, उंगलियां, लिम्ब्स, मसल टिशूज और कई महत्वपूर्ण अंगों में भी हो सकती है। यहां टिशूज डेड हो जाते हैं, वहां घाव बन जाता है और लगातार फैलता जाता है।
हालांकि गैंग्रीन इंफेक्शन के वजह से होता है जो शरीर में फैल सकता है। इसके लिए देखभाल और एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है।
क्या कोविड-19 बन सकता है गैंगरीन की वजह
जैसे कि कोविड-19 कई अंग को प्रभावित करता है ठीक वैसे ही उसका असर त्वचा पर भी पड़ता है। रैशेज, पित्ती, दर्दनाक ब्लिस्टर्स, ड्राई स्किन यह सब स्किन सिम्टम्स देखे जाते हैं। कोविड-19 नेल्स और टोज भी इसके लक्षण हैं। इसी बीच, यह चिंता जताई जा रही थी कि गैंग्रीन के साथ कोविड-19 का खतरा कहीं त्वचा की परेशानियों को बढ़ा ना दें। लेकिन एक शोध के अनुसार यह पता चला है कि कोविड-19 से आधारित रैशेज, और ब्लिस्टर्स का इंफेक्शन की गंभीरता से कोई नाता नहीं है।
गैंग्रीन क्यों कोविड-19 का एक गंभीर सिम्टम माना जा रहा है?
गैंग्रीन का खतरा कोविड-19 के साथ बेहद गंभीर बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि इसका ट्रीटमेंट जल्द होना जरूरी है। ऐसा इसीलिए क्योंकि SARS-COV-2 खून पर प्रभाव डाल सकती हैं जिससे ब्लड क्लॉटिंग और इससे संबंधित परेशानियों पर असर पड़ सकता है।
अभी इससे संबंधित और शोध करना बाकी है मगर जानकार यह बता रहे हैं कि गैंग्रीन का रिस्क गंभीर ब्लड क्लॉटिंग के वजह से बढ़ सकता है। सेपसीस रिस्क का बढ़ना और पूअर इन्फ्लेमेटरी गैंग्रीन के खतरे को और गंभीर बना सकते हैं।
इस समस्या से किसको ज्यादा खतरा है?
मोटापा, डायबिटीज, पूअर ब्लड प्रेशर कंट्रोल, जरूरत से ज्यादा शराब पीना, स्मोकिंग और अन्य वैस्कुलर डिजीज जो शरीर में इंफ्लेमेशन को बढ़ा सकते हैं या ब्लड सप्लाई को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इन समस्याओं से जूझने वाले लोग रिस्क में है। बिना किसी अन्य बिमारी के अगर किसी चोट के वजह से नर्व डैमेज हुआ है या जो हेल्दी ब्लड फ्लो को प्रभावित कर रहा है उससे भी गैंग्रीन हो सकता है।
किन सिम्टम्स पर देना चाहिए ध्यान?
अभी गैंग्रीन से आधारित और शोध करना बचा है मगर गैंग्रीन के सिम्टम्स दिखने के बाद इसे जल्द से जल्द ठीक करना बेहद जरूरी है। अगर किसी को गैंग्रीन है तो उसके अंदर सिम्टम्स जल्द दिख सकते हैं। इसका सिम्टम सबसे पहले त्वचा पर दिख सकता है जैसे त्वचा का रंगत उड़ना, रेडनेस, सूजन और सेंसेशन का खोना। बदबूदार डिस्चार्ज, ब्लिस्टर्स और घाव भी इसके सिम्टम्स हैं। इनके अलावा तेज बुखार, असामान्य हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को नुकसान भी इसके लक्षण हैं।