- कोरोना संक्रमण के दौरान डायबिटीज के मरीजों में स्किन इन्फेक्शन का खतरा होता है अधिक।
- संक्रमण के दौरान डायबिटीज के मरीज हो सकते हैं हाइपोक्सिया के शिकार, शरीर में ऑक्सीजन का स्तर तेजी से होता है कम।
- ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना से संक्रमित डायबिटीज के मरीजों में होता है अधिक।
कोरोना की दूसरी लहर विषाक्त हवा की तरह देश में फैल रही है। इस व्यापक महामारी ने देश में हर तरफ कोहराम मचा रखा है। दिन प्रतिदिन कोरोना वायरस के नए मामले पुराने रिकॉर्ड्स ध्वस्त करते जा रहे हैं। वहीं मृतकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। बीते माह कोरोना ने अपना महाविस्फोटक रूप धारण कर लिया था, जिससे लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या में ह्रदय व डायबिटीज के मरीज शामिल हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना से जान गवाने वाले संक्रमितों में उन मरीजों की संख्या अधिक है, जो पहले से किसी दूसरी बीमारी या डायबिटीज से ग्रसित थे। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अधिक सजग होने की आवश्यकता है। इन लक्षणों के दिखने पर वह तुरंत सावधान हो जाएं और अपने डॉक्टर से सलाह लें अन्यथा स्थिति भयावह हो सकती है।
स्किन इन्फेक्शन
कोरोना वायरस के दूसरी लहर के दौरान लोगों में कई तरह के असामान्य लक्षण देखे जा रहे हैं। जिसमें त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना, सूजन, एलर्जी के क्लासिक लक्षण शामिल हैं। वहीं डायबिटीज के मरीजों में स्किन इन्फेक्शन अधिक देखा जाता है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के दौरान ब्लड शुगर से पीड़ित मरीजों में त्वचा पर खुजली होने से लेकर घाव होने तक की संभावना बनी रहती है। यह त्वचा को शुष्क कर देता है तथा शरीर पर लाल चकत्ते, सूजन, खुजली की संभावना को बढ़ाता है। ऐसे में संक्रमण के दौरान इन शुरुआती लक्षणों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
कोविड निमोनिया
कोरोना वायरस के दूसरी लहर के दौरान निमोनिया सबसे भयावह लक्षणों में से एक है। यदि सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज के मरीजों के लिए निमोनिया अधिक खतरनाक साबित होता है। टाइप 2 रोगियों में वायरस का संक्रमण तेजी से होता है और यह शरीर में वायरस को तेजी से पनपने में मदद करता है। जिससे सांस लेने में परेशानी और फेफड़ों के संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के दौरान डायबिटीज के रोगियों को अधिक सजग होने की आवश्यकता है। सांस संबंधी परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें और अस्पताल में भर्ती हो जाएं।
सांस संबंधी परेशानी
डायबिटीज के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य लोगों की तुलना में कम होती है। ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने से शरीर में वायरस अधिक तेजी से फैलता है। विशेषज्ञों द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों में संक्रमण के दौरान सांस संबंधी परेशानी अधिक देखी जाती है। जिसमें सांस फूलना, ऑक्सीजन की कमी, सीने में दर्द, हाइपोक्सिया आदि समस्या शामिल है। आपको बता दें हाइपोक्सिया वो स्थिति है जब शरीर में ऑक्सीजन का स्तर तेजी से गिरने लगता है। यह डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में कोरोना संक्रमण के दौरान अधिक देखा जा रहा है।
ब्लैक फंगस इन्फेक्शन
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना मरीजों व कोरोना से ठीक हुए मरीजों पर मंडरा रहा है। यह खतरा डायबिटीज से ग्रस्त कोरोना मरीजों में अधिक देखने को मिलता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण यह मरीजों को अपनी चपेट में ले लेता है। डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों का अक्सर रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है। आपको बता दें यह फंगस इतना भयावह है कि आंख पर होने पर मरीज अपनी आंखों की रोशनी खो देता है। वहीं कुछ मरीजों की जबड़े व नाक की हड्डी तक गल जाती है। अगर समय रहते इसका उपचार ना किया जाए तो व्यक्ति अपनी जान गंवा सकता है।
ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अधिक सजग होने की आवश्यकता है। वह नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर की जांच करते रहें और अपनी डाइट का खासा ध्यान रखें। तथा कोरोना संक्रमण के दौरान तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत अस्पताल का रुख अपनाएं अन्यथा स्थिति अधिक भयावह हो सकती है।