- देश भर में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
- चिंता की बात ये है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर में अब बच्चे भी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं।
- कोविड-19 का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान अलग चिंता जताई है।
कोविड-19 का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान अलग चिंता जताई है। कोरोना वायरस अब बच्चों को अधिक प्रभावित करता हुआ नजर आ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि पहली लहर के अपेक्षाकृत अप्रभावित, बच्चे और एडोलसेंट्स में अब स्पष्ट लक्षण जैसे लंबे समय तक बुखार और गेस्ट्रोइंटेराइटिस दिख रहा है।
जानिए बच्चों में कोविड-19 के लक्षण।
-बुखार
हल्का और लगातार बुखार आना बच्चों में संक्रमण का आम लक्षण है। यहां तक कि कोरोना वायरस में बड़ों में भी सबसे पहला लक्षण बुखार ही होता है। जो हल्के से तेज हो सकता है।
-थकावट
थकावट और ऊर्जा की कमी ऐसे अन्य संकेत हैं, जो कोविड-19 की वजह से बच्चों में दिखते हैं। शोध के मुताबिक, 55 प्रतिशत बच्चों में जिन्हें कोरोना वायरस हुआ, उनमें लगातार थकावट और ऊर्जा की कमी देखी गई है।
-सिर दर्द
सिर दर्द कोविड-19 का शुरुआती लक्षण नहीं है, लेकिन 14 प्रतिशत बड़ों में ये लक्षण देखा गया है। हालांकि, बच्चों में ये लक्षण आम है और कोविड का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
-दस्त और उल्टी
दस्त और उल्टी भी ऐसे संकेत हैं जो आमतौर पर उन बच्चों को प्रभावित करते हैं जो अभी कोविड-19 से प्रभावित हो रहे हैं।
-पेट दर्द
कोविड के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण, दूसरी लहर में अधिक होने से बच्चों पर भी अधिक प्रभाव पड़ रहा है। असामान्य पेट दर्द, सूजन, भारीपन, पेट में ऐंठन ये सभी संकेत हो सकते हैं कि आपका बच्चा कोविड-19 के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों से पीड़ित है।
-त्वचा पर चकते या रैश
माता-पिता या देखभाल करने वाले के रूप में ध्यान रखें कि बच्चों को एलर्जी और चकत्ते होने का खतरा है, असामान्य ऊबड़-खाबड़ त्वचा, लाल चकत्ते, त्वचा, पित्ती (पित्ती), अंगुलियों और पैर की उंगलियों के अचानक झड़ने के किसी भी लक्षण को जांचने का चेतावनी संकेत माना जाना चाहिए।
बच्चों में कोरोना वायरस का उपचार
बच्चों को कोविड माइल्ड हो रहा है साथ ही बड़ों के मुकाबले तेजी से सही भी हो रहा है। इसलिए उन्हें कोई खास उपचार की ज्यादा जरूरत नहीं है और घर रहकर भी वे आसानी से ठीक हो सकते हैं जब तक की लक्षण अलग और सीवियर न हों।
बच्चों को खुद से ही दवाइयां न दें, डॉक्टर के परामर्श के अनुसार उनका इलाज करें। गाइडलाइन्स को फॉलो करें और साथ ही बच्चों को ज्यादा पानी पीने की सलाह दें।