नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ऑफ मेल्बर्न की रिसर्च बताती है कि हैंड सैनेटाइजर (Hand sanitizer) जहां आपको बीमारियों की ओर धकेल सकता है वहीं आपकी फैमली प्लानिंग के सपने को भी चूर कर सकता है। इसलिए इसे यूज करने से बेहतर होगा कि आप साबुन का यूज करें। सैनिटाइजर्स बैड बैक्टीरिया के साथ-साथ गुड बैक्टीरिया को भी मार देता है
सैनिटाइजर्स में करीब 60 परसेंट ऐल्कॉहॉल होता है जो हानिकारक कीटाणुओं को पूरी तरह से मारने में सक्षम नहीं होता। जिन हैंड सैनेटाइजर में अल्कोहल कम होता है उसमें ट्राइक्लोसन की मात्रा ज्यादा होता है। ट्राइक्लोसन एंटीबैक्टीरियल एजेंट है।
Also read: वर्कआउट की ये 8 गलतियां पड़ेंगी इतनी भारी, बिस्तर पकड़ सकते हैं आप
ना करें ज्यादा इस्तेमाल
इसका लगातार इस्तेमाल सही नहीं होता क्योंकि ये आपके एंटीबायोटिक्स को आपके प्रति निष्प्रभावी बना देता है। यानी ट्राइक्लोसन आपको खांसी या जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों के प्रति ज्यादा असुरक्षित बना देता है। वहीं अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर सिंपल बैक्टीरिया को सुपरबग में बदल देता है।
स्किन को बनाता है ड्राई और रफ
हैंड सैनिटाइजर्स का लंबे समय तक प्रयोग करने से ये आपकी स्किन को ड्राई और रफ बना सकता है। इतना ही नहीं इसके चलते त्वचा संबन्धी कई बीमारियां भी हो सकती हैं। हैंड सैनेटाइजर में सैनिटाइजर्स में फालेट्स होता है जो सूंघने तक से काफी नुकसान होता है।
Also read: बेहद ताकतवर होती है ये सस्ती सी सब्जी, कैंसर से लेकर मोटापे तक की कर देती है छुट्टी
पैदा कर सकता है कैंसर
बिसफेनॉल ए एक प्रकार का रसायन है, जो कैंसर का भी कारक बन सकता है। रिसर्च के मुताबिक हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल के तुरंत बाद बिसफेनॉल ए युक्त किसी चीज को छूने से उसके शरीर में घुसने की संभावना पूरी होती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मेल्बर्न की रिसर्च में भी ये बात सामने आ चुकी है कि सैनिटाइजर्स कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि साबुन का प्रयोग करें।
Health News in Hindi के लिए देखें Times Now Hindi का हेल्थ सेक्शन। देश और दुनिया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के लिए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से।