- 2-deoxy-D-glucose (2-DG) दवा कोविड में प्रभावकारी सिद्ध होगी
- यह दवा DRDO एवं DRL द्वारा तैयार की गई है
- ये दवा हमारे देश के वैज्ञानिकों की वैज्ञानिक क्षमता की एक मिसाल है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO की एंटी कोविड दवा 2DG की पहली खेप सोमवार (17 मई) को लॉन्च की। यह दवा कोरोना को रोकने में कारगर साबित होगी। दवा की लॉन्चिंग के मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि DRDO एवं DRL द्वारा तैयार की गई, 2-deoxy-D-glucose (2-DG) दवा कोविड में प्रभावकारी सिद्ध होगी। यह हमारे देश के वैज्ञानिक कौशल का एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं DRDO, और इस ड्रग की R&D से जुड़ी सभी संस्थाओं को अपनी ओर से बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि इस दवा को तैयार करने में जिन वैज्ञानिकों की मुख्य भूमिका है, मैं उन्हें अपने हाथों से सम्मानित करना चाहूंगा। ये दवा आशा और उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है, ये दवा हमारे देश के वैज्ञानिकों की वैज्ञानिक क्षमता की एक मिसाल है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया भी मौजूद रहे। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मई के महीने में आज का दिन हम सबके लिए सबसे ज्यादा सुखद दिन है। हम एक साल से ज्यादा समय से कोविड की जंग लड़ रहे हैं। रक्षा क्षेत्र के आउटकम के तहत ये हमारी पहली स्वदेशी दवा है, ये कोविड वायरस के प्रकोप को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कम करने की पूरी क्षमता रखती है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने हर समय स्थिति को हमने काफी गंभीरता से लिया है। चाहे वह ऑक्सीनज सप्लाई का मामला हो, मेडिसिन का मामला हो, आईसीयू बेड की बात हो या क्रायोजेनिक टैंकर की व्यवस्था की बात हो, एक सामूहिक प्रयास किया गया है जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कई निर्देश जारी किए हैं जिसके अंतर्गत ज्यादा डोर टू डोर टेस्टिंग की जा रही है, और आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सभी आवश्यक टूल्स द्वारा सर्मथ किया गया है। ऑक्सिजन का ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण, ट्रेनिंग इत्यादि शामिल हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी होती है कि मेडिकल कोर ने अपने रिटायर्ड डाक्टरों को भी दुबारा सेवा में लाने का निर्णय लिया है ताकि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक मजबूती दी जा सके। मैं ऐसे चिकित्सकों की हृदय से सराहना करता हूं जो अपनी सर्विस के बाद भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं। हमारी वायुसेना और नौसेना के जहाजों ने भी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर, कंटेनर्स, कंसंट्रेटर्स, टेस्ट किट्स के ट्रांसपोर्टेशन में अपनी भूमिका निभाई है। मिलेटरी होस्पिटल में भी इलाज की सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इन सब कठिनाइयों से गुजरते हुए भी हमने यह सुनिश्चित किया है कि सीमा पर हमारी तैयारियों पर कोई प्रभाव न पड़े। हमारी सेनाओं के जोश और उत्साह में कहीं भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। हमें यह अच्छी तरह मालूम है, कठिनाई कितनी ही बड़ी क्यूं न हो, हम उस पर विजय पा लेंगे। अब तक हम डिफेंस के क्षेत्र में डीआरडीओ और प्राइवेट पार्टनरशिप की बात करते थे। आज हेल्थ के सेक्टर में भी डीआरडीओ और प्राइवेट सेक्टर की पार्टनरशिप का इतना अच्छा परिणाम देख कर मुझे वाकई बहुत खुशी हो रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया, कि इसके प्रयोग से सामान्य उपचार की अपेक्षा लोग ढाई दिन जल्दी ठीक हुए हैं। साथ ही ऑक्सीजन निर्भरता भी लगभग 40 फीसदी तक कम देखने को मिली है। इसका पाउडर फॉर्म में होना भी इसकी एक बड़ी खासियत है। इसे ओआरएस घोल की तरह इसका इस्तेमाल लोग बड़ी आसानी से कर सकेंगे। यहां उपस्थित सभी संस्थानों के प्रमुखों से मैं, कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आग्रह करता हूं। आप सभी लोगों के सम्मिलित प्रयासों से यह देश, बड़े से बड़े संकटों का सामना कर सकेगा, उसमें विजयी हो सकेगा, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।