- फ्लैक्स सीड्स वेट, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल कम करता है
- इसमे मौजूद फाइबर पेट और आंत को स्वस्थ बनाते हैं
- फ्लैक्स सीड्स का ज्यादा सेवन नुकसान कर सकता है
फ्लैक्स सीड्स हेल्दी फैट, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर का एक रिच सोर्स है। इसके बीज में प्रोटीन, लिग्नन्स और आवश्यक फैटी एसिड जैसे, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड होता है, जो ओमेगा -3 के रूप में भी जाना जाता है। फ्लेक्स सीड के पोषक तत्व मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग जैसे कई गंभीर रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। ये सबसे पुरानी फाइबर फसलों में से एक है। प्राचीन मिस्र और चीन में इसकी खेती की जाती थी। एशिया में इसका प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने दवा के रूप में किया है। फ्लैक्स सीड्स मार्केट में सीड, तेल, पाउडर, टैबलेट, कैप्सूल और आटे के रूप में भी आसानी से मिल जाती है।
फ्लैक्स सीड्स खाने के बारे में जानें
फ्लेक्स सीड का सेवन करने से शरीर में पोषक तत्व अच्छे से एब्जॉर्ब होने लगते हैं। फ्लेक्स सीड खाने के फायदे हैं तो नुकसान भी कम नहीं। अधिक खाने के भी नुकसान हैं और कुछ समस्याओं में फ्लेक्स सीड खाना मर्ज को बढ़ा सकता है। इसलिए जब भी आप फ्लैक्ससीड्स खाएं। इसके खाने के तरीके को जरूर जान लें।
फ्लेक्स सीड खाने के फायदे
1. फाइबर का बेहतरीन सोर्स : फ्लेक्स सीड फाइबर रिच है। इसमें हाई लेवल का म्यूसीजियम गम पाया जाता जो एक जेल के रूप में फाइबर बनाता है। ये पानी में आसानी से घुल जाता है। यही कारण है कि ये आंतों के लिए बहुत अच्छा होता है। म्यूसीज पेट में खाने को छोटी आंत से बहुत जल्दी से खाली करने से बचाता है, जिससे खाने के सारे पोषक तत्व शरीर आसानी से सोख लेता है। साथ ही ये शरीर को डिटॉक्स करने में भी बेहतर काम करता है।
2. वेट लॉस में कारगर: फ्लैक्स सीड्स में हेल्दी फैट होते हैं और ये फाइबर से भी भरा होता है। ऐसे में जब इसे खाया जाता है तो पेट लंबे समय तक भराह महसूस होता है। इससे कैलोरी का इंटेक कम होता है वेट लॉस होने लगता है। इसके आलवा इसमें पाई जाने वाली एएलए फैट भी शरीर के सूजन को कम करने में हेल्प करता है।
3. कोलेस्ट्रॉल स्तर को बनाए रखने के लिए: फ्लैक्स सीड्स में पाया जाने वाला फाइबर पानी में घुल जाता है इससे फैट और कोलेस्ट्रॉल शरीर में अवशोषित नहीं होने पाते। घुलनशील फाइबर पित्ताशय की थैली में कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोक देता है। पित्त को फिर पाचन तंत्र के माध्यम से उत्सर्जित किया जाता है, जिससे शरीर को और पित्त बनाना पड़ता। इससे रक्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का प्रयोग होता है और कुल कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
4. कैंसर रोकने में कारगर: फ्लैक्ससीड्स में एंटीऑक्सीडेंट बहुत होते हैं और ये कैंसर के जोखिम से बचाने में मददगार होते हैं। फ्लेक्स सीड ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और पेट के कैंसर को रोकने में बहुत कारगर है। इसमें मौजूद लिग्नांस में एंटीजेन प्रॉपटीज होते हैं जो ट्यूमर द्वारा नए रक्त कोशिकाओं के निर्माण को रोकते हैं।
5. स्किन के लिए भी फायदेमंद: फ्लैक्स सीड्स स्किन से जुड़ी समस्याओं को अंदर से दूर करता है। क्योंकि इसे खाने से पेट साफ रहता है इसलिए स्किन पर नेचुरल चमक और फ्रेशनेस रहती है। लिग्नान और ओमेगा 3 फैटी एसिड स्किन कोशिकाओं के स्वस्थ विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसे खाने से स्किन की जलन, चकत्ते, सूजन और लालिमा दूर होती हैं साथ ही ये स्किन को हाइड्रेटेड और मॉइस्चराइज रखते हैं, इससे मुँहासे, जिल्द की सूजन और सोरायसिस नहीं होने पाता
6. बालों के लिए: इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड की बालों को शाइन ही नहीं मजबूती भी देता है। इससे बाल झड़ना, बालों का रुखापन और स्कैल्प पर होने वाली समस्या जैसे डैंड्रफ और एक्जिमा आदि को ये ठीक करता है। ये स्कैल्प से सीबम के उत्पादन को बढ़ता है।
अलसी के दुष्प्रभाव
- अलसी में कैलोरी बहुत होती हैं और यदि इसे ज्यादा खाया जाए तो ये फायदे की जगह नुकसान दे सकता है।
- सीजर डिसॉडर में इसे नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे दिक्कत बढ़ती है।
- फ्लैक्स सीड्स में साइनाइड यौगिकों की मात्रा होती है, जिससे शरीर पर न्यूरोटॉक्सिक का प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए इसे कभी ज्यादा न खाएं।
- फ्लैक्स सीड्स से कई बार लोगों को एलर्जी भी होती है। जैसे खुजली, चकत्ते और सांस की तकलीफ शामिल है।
- डायरिया या अतिसार में इसका सेवन बिलकुल न करें।
फ्लैक्स सीड्स कितना खाना होगा बेहतर
फ्लेक्स सीड कई रूपों में बाजार में मौजूद है। बीज, पाउडर, टेबलेट आदि, लेकिन आप जब भी इसे खाएं एक निश्चित अनुपात होना जरूरी है। एक स्वस्थ व्यक्ति 20 से 40 ग्राम तक फ्लेक्ससीड रोजाना खा सकता है। लेकिन अगर आप इसे 30 ग्राम खांए तो यह सबसे बेहतरीन अनुपात होगा। तो फ्लैक्स सीड्स खाने से पहले आपको अपने स्वास्थ्य और सेहत को ध्यान देना जरूरी होगा।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।
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