- ग्लाइसेमिक इंडेक्स के अनुसार डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं आम
- शुगर न बढ़े, इसके लिए एक समय में खाएं सिर्फ एक आम
- प्रोटीन की मात्रा बैलेंस करने के लिए आम के साथ खाएं मेवे
Mango in Diabetes: डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जिसमें खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। यदि थोड़ा सा भी उल्टा-सीधा या गलत खा लिया जाए, तो इससे ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में डायबिटीज के पेशेंट्स को ऐसी चीजों को खाने से मना किया जाता है, जिसमें शुगर बहुत ज्यादा हो और जो शुगर लेवल को बढ़ाने का काम करता हो। इसलिए डायबिटीज की समस्या में कई बार लोग आम खाने से भी परहेज करते हैं। दरअसल, आम नेचुरली बहुत मीठा होता है, जो कैलोरी को 90 प्रतिशत बना देता है। हालांकि, आम में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की प्रचुरम मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि डायबिटीज में आम खाना चाहिए या नहीं-
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आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है
डायबिटीज के मरीजों को ऐसा खाना खाने की सलाह दी जाती है, जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 तक हो। 55 की रैंकिंग तक के फूड को कम शुगर वाला माना जाता है और ऐसे फूड को डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं। वहीं, बात करें आम की, तो इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 51 है यानी शुगर के मरीज भी आम को बिना किसी डर के खा सकते हैं।
आम खाते वक्त डायबिटीज के मरीज इन बातों का रखें ख्याल
एक समय में एक ही आम खान चाहिए, अन्यथा शुगर लेवल के बढ़ने का खतरा रहता है, क्योंकि इसमें नेचुरली मिठास बहुत होती है। वहीं, हर किसी का इम्यून और डाइजेस्टिव सिस्टम अलग होता है, इसके लिए भी आम को पहले थोड़ा खाकर देखना चाहिए, इसके बाद ब्लड शुगर को चेक करें और देखें कि, आपका शुगर तो नहीं बढ़ा है।अगर शुगर नहीं बढ़ता है, तो आप आम खा सकते हैं।
खाना खाने के बाद आम खाने से करें परहेज
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खाना खाने के बाद आम नहीं खाना चाहिए। इसे हमेशा दिन के समय ही खाना चाहिए। इसके अलावा आम को प्रोटीन के साथ खाना चाहिए, क्योंकि आम में प्रोटीन कम होता है और फाइबर ज्यादा। इसलिए शरीर में प्रोटीन और फाइबर की बराबर मात्रा रखने के लिए आम के साथ कुछ प्रोटीनयुक्त मेवे का सकते हैं।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)