- बुखार कोरोनावायरस का क्लासिक संकेत माना जाता है
- 50 से 60 मरीजों में कोरोनावायरस प्रतिशत के असिम्पटम्स देखे जाते हैं, ऐसे मरीजों से दूसरों में संक्रमण फैलने का डर कम होता है
- सही समय पर ना किया गया इलाज विकराल रूप धारण कर लेता है
देश में पिछले एक साल से कोरोना का कहर जारी है, एक बार फिर कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ने लगा है। पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आपको बता दें देशभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 16000 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं पिछले 24 घंटो में कोविड मरीजों में 113 लोग अपनी जान गवां बैठे हैं। टीकाकरण के बावजूद भी एक बार फिर देश में कोरोना का पलटवार हो रहा है। आपको खुद को कोरोना से बचाने के लिए एक बार फिर कमर कस लेनी चाहिए। तथा जरा सा भी कोरोना का संकेत मिलने पर अपनी जांच करवाएं। ऐसे में आइए जानते हैं कोराना के लक्षण।
क्या है कोरोना वायरस का क्लासिक लक्षण?
चिकित्सा दिशा निर्देशों के अनुसार बुखार को कोरोना वायरस का विशेष लक्षण माना जाता है। जी हां बुखार कोरोनावायरस का क्लासिक संकेत माना जाता है। इस दौरान गले में खरास, खांसि आदि लक्षण सामान्य हैं। आपको बता दें 60 प्रतिशत से अधिक कोरोना वायरस के मरीजों में देखा गया है कि स्वाद ना मिलना और खाने में सुगंध ना आना कोरोना वायरस के सामान्य से लक्षण हैं। अगर किसी व्यक्ति को सूखी खांसी के साथ तेज बुखार है तो उसे एक बार जरूर जांच करानी चाहिए। यदि आपका तापमान 99.0 और 99.5 डिग्री फारनेहाइट है तो यह सामान्य बुखार हो सकता है। लेकिन यदि बुखार 100 या 101 से ऊपर जाता है तो उसे कोरोना वायरस का संकेत मानेंगे।
सांस लेने की समस्या
कोरोना वायरस धीरे धीरे अपना भयावह रूप लेता जाता है। कोरोना से संक्रमित होने के 5 दिनों के अंदर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो सकती है। आपको बता दें सांस लेने में समस्या फेफड़ो में फैलते कफ के कारण होती है। कोरोना का प्रकोप धीरे धीरे व्यक्ति के शरीर पर असर करता है। कोविड के चपेट में आने के बाद व्यक्ति जोड़ों में दर्द, शरीर के किसी हिस्से में सूजन आदि समस्या से भी ग्रस्त हो सकता है। कोरोना से संक्रमित लोगों में डायरिया और उल्टी के भी संकेत देखे जाते हैं। आपको बता दें एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 30 प्रतिशत लोगों में इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं। आपको यदि इन लक्षणों से संक्रमित होते हैं तो तुरंत अपनी कोविड की जांच करवाएं।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में त्वचा पर चकत्ते और पैरों में दर्द, सिर में दर्द और जोड़ो में दर्द आदि लक्षण भी देखे जाते हैं।
संक्रमित होने के बावजूद नहीं दिखते कोविड के लक्षण
आपको बता दें 50 से 60 प्रतिशत मरीजों में कोरोनावायरस के असिम्पटम्स देखे जाते हैं। इस दौरान व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है लेकिन उसमें कोरोना के लक्षण नहीं देखे जाते। ऐसे मरीजों से दूसरों में संक्रमण फैलने का डर कम होता है। लेकिन स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे व्यक्तियों से संक्रमण फैलने का डर बना रहता है, इस दौरान यदि संक्रमित व्यक्ति किसी एयर कंडिश्नर के सामने बैठता है तो वह कुछ ही देर में 10 से अधिक लोगों को भी संक्रमित भी कर सकता है।
बच्चों में फ्लू और सीजनल की समस्या ले सकती है गंभीर रूप
कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ों के साथ बच्चों को भी अपने चपेट में लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हांलांकि बच्चों में इसका संक्रमण बड़ो की तुलना में कम देखा गया है। जो बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं उनमें अधिकतर फ्लू या सीजनल बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें बच्चो में इस संक्रमण के फैलने से स्थिति और भी भयावह हो सकती है। बच्चे इसके संक्रमण से काफी परेशान हो सकते हैं, संक्रमण के दौरान बच्चे फ्लू और अन्य बीमारियां अपना भयावह रूप धारण कर सकती हैं।
सही समय पर इलाज ना किया जाए तो हो सकता है भयावह
कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे धीरे अपना भयावह रूप धारण करता है। कोरोना के शुरुआती लक्षण में यदि आप अपनी जांच करवा लेते हैं और आवश्यकता अनुसार मेडिसिन ले लेते हैं तो इस बीमारी के प्रकोप से बच सकते हैं। यदि आप में कोरोना के सामान्य लक्षण हैं तो आप 10 से 14 दिन में इस बीमारी से निपट सकते हैं। अन्यथा सही समय पर ना किया गया इलाज अपना विकराल रूप धारण कर लेता है। इस दौरान आपके शरीर के अंगों में दर्द शुरु हो सकता है, मांसपेशियों में दर्द, ह्रदय मे दर्द, सांस में तकलीफ आदि समस्याएं हो सकती हैं। जिनका सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह आपकी जान भी ले सकती है।
ध्यान रखें
यदि आप में या परिवार के किसी भी सदस्य में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, तो जल्द से जल्द कोविड की जांच करवाएं। तथा संक्रमित व्यक्ति में यदि 10 से 14 दिनों में कोई सुधार नहीं आता तो उसे जल्द से जल्द किसी हॉस्पिटल में भरती हो जाना चाहिए। साथ ही यदि मरीज डायबिटीज, लो ब्लड प्रेशर या किसी भी समस्या से ग्रस्त है तो उसे सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और हॉस्पिटलाइज्ड हो जाना चाहिए।
कोविड और फ्लू में अंतर
कोविड और वायरल में आपको सबसे बड़ा अंतर बता दें। वायरल 2 से 3 दिन में ठीक हो जाता है, व्यक्ति दो से तीन दिन में इसके संक्रमण से दूर हो सकता है। परंतु कोरोना से संक्रमित होने के दौरान व्यक्ति को होने वाला फीवर कभी भी पूरी तरह से नहीं उतरता तथा यदि ऊपर बताए कोविड लक्षणों के अनुसार खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ आदि समस्या रहती है, तो जल्द से जल्द कोरोना की जांच करवाएं।