- अफ्रीकी देश कांगो में इबोला वायरस ने 11वीं बार दी दस्तक
- इस जानलेवा वायरस से संक्रमित मिले 6 लोगों में से हो चुकी है चार की मौत
- 1976 में पहली बार आया था इबोला वायरस संक्रमण का मामला
नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है उस दौरान अफ्रीकी देश कांगो में इबोला वायरस ने एक बार फिर दस्तक दी है। कांगो की सरकार ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि इक्वेटर प्रांत के वागाता हेल्थ जोन में इबोला के मामले सामने आए हैं।
कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सूचना दी है कि वगाता में अबतक इबोला के 6 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है और 2 का इलाज जारी है। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक इबोला के छह में से तीन मामलों में जांच के बाद इबोला संक्रमण की पुष्टि हुई है।
डबल्यूएचओ के डायरेक्टर ने अपने बयान में कहा, इस घटना ने इस बात की याद दिलाई है कि कोविड 19 की वजह से उत्पन्न खतरा एकलौता स्वास्थ्य खतरा नहीं है। हालांकि हमारा ध्यान इस महामारी पर सर्वाधिक है लेकिन डब्ल्यूएचओ अन्य स्वास्थ्य आपदाओं पर नजर बनाए हुए है उनपर त्वरित प्रतिक्रिया भी दे रहा है।
पहली बार साल 1976 में फैला था इबोला
साल 1976 में इबोला वायरस की पहली बार इबोला फैसा था। इसके बाद 11वीं बार कांगों में ये वायरस फैला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक ने कहा, इस बार ऐसा बेहद चुनौतीपूर्ण समय में हो रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने पिछले 2 साल में अफ्रीका सीडीसी और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर इन बीमारियों पर शुरू में ही नियंत्रण के लिए काम किया है।
ऐसे में डब्ल्यूएचओ की योजना स्थानीय प्रशासन के सहयोग के लिए वहां टीम भेजने की है। जिस जगह पर कोरोना की पुष्टि हुई है वो बेगद व्यस्त रूट है और वहां से संक्रमण के अन्य अफ्रीकी देशों में भी फैलने की संभावना है। ऐसे में हमें त्वरित कार्रवाई करनी होगी।' हालांकि मौके पर डब्ल्यूएचओ की टीम पहले ही पहुंचकर संक्रमण को रोकने और कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के काम में जुट गई है।