- हर वर्ष 1 से लेकर 7 सितंबर के बीच नेशनल न्यूट्रीशन वीक के रूप में मनाया जाता है
- प्रत्येक व्यक्ति को सही और संतुलित आहार मिलना बेहद आवश्यक
- यदि आप वजन घटाना चाहते हैं ,तो यहां कुछ अत्यधिक प्रभावशाली आयुर्वेदिक सुझाव हैं आपके लिए
हर्षा सुमन, नई दिल्ली: हर साल भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा खाद्य और पोषण बोर्ड द्वारा सितंबर माह के पहले हफ्ते को न्यूट्रीशियन वीक (पोषण सप्ताह) के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में सेहत के लिए पोषण की जरूरत को लेकर जागरूकता पैदा करना है। भौतिकतावादी इस युग में अधिक से अधिक मशीनों के आने और डिब्बाबंद एवम् संरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता ने हमारे जीवन को सरल बना दिया है,ऐसा प्रतीत होता है,लेकिन साथ ही साथ इसके कारण विश्व भर में लोगों में मोटापे में भी बढ़ोत्तरी हुई है।और सबसे ऊपर,इस महामारी के चलते गतिहीन रहने की जीवन शैली ने स्थिति को और भी अधिक खराब कर दिया है।
आज मोटापा अधिकतर गैर संचारी रोगों ,जैसे - कैंसर,मस्कुलो स्केलेटल डिसऑर्डर,जैसे - ऑर्थो आर्थराइटिस,डायबिटीज और हृदय तथा रक्त वाहिकाओं संबंधी बीमारियों,जैसे - हृदय की बीमारी और हृदय घात,के लिए मुख्य दोषी है। कई स्वास्थ्य समस्याएं,जैसे - हार्मोनल असंतुलन,नपुंसकता, जठरांत्र संबंधी समस्याएं और उच्च रक्तचाप भी मोटापे का ही परिणाम हैं। मोटे लोगों का प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होता है,जिसके कारण उनके संक्रामक रोग से ग्रस्त होने का खतरा अधिक होता है। इस वर्ल्ड न्यूट्रीशन वीक में हम डॉ मिताली मधुस्मिता,आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री तत्व पंचकर्म की प्रमुख डॉक्टर द्वारा बताए गए आहार,नियमों और जीवन शैली पर नजर डालेंगे,जो आपकी उस वजन को घटाने में मदद कर सकता है,जो लॉकडाउन के कारण बढ़ गया है।
यदि आप यह चुनौती लेने के लिए तैयार हैं और वजन घटाना चाहते हैं,तो यहां कुछ अत्यधिक प्रभावशाली आयुर्वेदिक सुझाव दिए गए हैं,जो आपकी वजन घटाने में मदद कर सकते हैं।
1-. नीबू पानी और शहद- सुबह उठकर सबसे पहले गुनगुने पानी में नीबू और शहद मिलाकर पीने से आपकी उपापचय क्रिया तीव्र हो जाएगी,भोजन का पाचन अच्छे से होगा और शरीर में वसा की मात्रा घटने लगेगी।
2. विटामिन डी- सुबह के समय सूर्य के प्रकाश में खड़े होने से शरीर में विटामिन डी का स्तर बनाए रखने में मदद मिलेगी,साथ ही साथ शरीर ऊर्जावान और चुस्त दुरुस्त रहेगा।
3. योग और एरोबिक्स- योग आपके आंतरिक अंगों के साथ - साथ बाह्य अंगों को भी टोन करता है और साथ ही साथ आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है।जब आंतरिक अंग टोन हो जाते हैं,तो वे बेहतर तरीके से कार्य करते हैं,जिससे उपापचय की क्रिया बढ़ती है,हार्मोन्स संतुलित होते हैं और ऊर्जा के स्तर में सुधार होता है।जब आप आलस्य महसूस नहीं करते हैं,तो आप शारीरिक रूप से क्रियाशील रहते हैं और आपका शरीर फिट होने लगता है। एरोबिक्स,जैसे - तेज़ी से चलना, तैरना, दौड़ना आपके शरीर में अतिरिक्त फैट को घटाते हैं और शारीरिक एवम् मानसिक रूप से विश्राम देते हैं। सूर्य नमस्कार,पवन मुक्तासन,नौकासन और भुजंगासन कुछ ऐसे आसन हैं,जिससे पेट पर जमा फैट बहुत तेज़ी से घटता है। बंध कोण आसन ( तितली आसन ) कमर और जंघाओं को टोन करता है और साथ ही साथ हार्मोनल असंतुलन और अंडाशय की समस्याओं को दूर करता है। पीठ के बल लेटकर पैरों से साइकिल चलाना पेट,कमर और जंघाओं को टोन करने का एक अन्य तरीका है।
4- प्राणायाम- कुछ समय विश्राम करने और अपनी श्वास पर ध्यान देने से तनाव और चिंता दूर होती है,अंगों की क्रियाशीलता बढ़ती है और आप भावनात्मक रूप से भी मजबूत हो जाते हैं।
5- वजन कम करने के लिए मुद्राएं- जब विभिन्न मुद्राओं के साथ प्राणायाम किया जाता है,तो यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में आश्चर्यजनक रूप से कार्य करता है।यहां ३ मुद्राएं बताई गई हैं,जो यकृत की कार्य प्रणाली को सुधारकर, पाचन में सहायता करके और उपापचय की प्रक्रिया को तीव्र करके वजन कम करने में प्रभावशाली रूप से कार्य करती हैं। इन मुद्राओं का अभ्यास खाली पेट या भोजन करने के कम से कम 4 घंटे के बाद न्यूनतम 15 मिनट करना चाहिए।इन मुद्राओं का अभ्यास 45 मिनट से अधिक नहीं करना चाहिए। इन मुद्राओं का अभ्यास करने से पहले एक ग्लास पानी पीना चाहिए।
सूर्य मुद्रा- अनामिका अंगुली को अंगूठे के निचले हिस्से पर रखें और अपने अंगूठे का प्रयोग करते हुए अपनी अनामिका अंगुली पर थोड़ा दबाव डालें।बाकी तीनों अंगुलियों को सीधा रखें।
लिंग मुद्रा- अपने हाथों को अपनी गोद में रखें और अंगुलियों को आपस में फंसा लें। दाहिने हाथ की अंगुलियों को बाएं हाथ की अंगुलियों के नीचे रखें।अब दाहिने अंगूठे को सीधा कर लें।फिर तर्जनी अंगुली को बाएं अंगूठे के चारों ओर लपेटें। अधिक दबाव ना डालें।
वयान मुद्रा- अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुलियों को हथेली की ओर मोड़ें और उन्हें आगे झुकाते हुए अंगूठे से मिलाएं और हल्का सा दबाएं।बाकी दोनों अंगुलियों को सीधा रखें।
वजन घटाने के लिए आहार संबंधी सुझाव
- आयुर्वेद के अनुसार तीन रस - मीठा,खट्टा और नमकीन भोजन वजन बढ़ाते हैं और जब आप वजन घटाने का प्रयास कर रहे हों, तो इनको संतुलित मात्रा में लेना चाहिए।
- सफेद चीनी और नमक शरीर में जल प्रतिधारण का कार्य करते हैं। सफेद चीनी के बजाय गुड़ को संतुलित मात्रा में लिया जा सकता है। अपने भोजन में सामान्य रिफाइंड नमक के बजाय सेंधा नमक का प्रयोग करें।
- नाश्ते में भरपूर प्रोटीन युक्त भोजन लें।
- चीज़ और गाढ़े दही जैसे डेयरी उत्पादों को सीमित मात्रा में लें।दूध और छाछ को संतुलित मात्रा में लिया जा सकता है।संसाधित चीज़ और दूध की क्रीम का सेवन ना करें।
- रिफाइंड आटे,सफेद चावल,सफेद ब्रेड और इस प्रकार के भोज्य पदार्थों का सेवन ना करें,जिनमें फाइबर की मात्रा कम होती है,इनमें पोषण भी कम होता है और इनमें कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च प्रचुर मात्रा में होता है।ये आपका कुछ अतिरिक्त वजन बढ़ा देंगे।
- बेकरी के उत्पादों,जैसे - कुकीज़ और पेस्ट्रीज में अनावश्यक कैलोरीज़ होती हैं और इनमें ट्रांस फैट और रिफाइंड चीनी की मात्रा भी अधिक होती है,जिसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना है।
- धीरे - धीरे और सचेत होकर भोजन करें।आवश्यकता से अधिक ना खाएं।संतुलित भोजन का सेवन करें,जिसमें २५% प्रोटीन,२५% कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट,२५% पकी हुई सब्जियां और हरी पत्तेदार सब्जियां और २५% ताज़ा कच्चा सलाद हो।
- लौकी,तुरई,ककड़ी,परवल और करेले का सेवन करें और स्वस्थ तरीके से वजन घटाएं।अपने भोजन में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करें।
- अपने भोजन में पारंपरिक मसालों,जैसे - हल्दी, दालचीनी, जीरा, मेथी, काली मिर्च और अदरक का प्रयोग करें।ये आपकी उपापचय क्रिया को बढ़ाते हैं और शरीर में मौजूद अतिरिक्त फैट को घटाते हैं। लहसुन, प्याज और मिर्च का सेवन संतुलित मात्रा में करें।
- इलायची पित्त को संतुलित करती है और एसिड रिफ्लक्स और पेट फूलने की समस्या में मदद करती है, जो मोटे लोगों को होने वाली एक सामान्य समस्या है। जड़ी बूटियां,जैसे - त्रिफला और अमृत का सेवन करने से वजन घटाने में मदद मिलती है।गुग्गुल और कुछ अन्य जड़ी बूटियों का सेवन डॉक्टर से परामर्श के पश्चात किया जा सकता है।
लेखिका हर्षा सुमन, आर्ट ऑफ लिविंग ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन से संबंध रखती हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं और टाइम्स नेटवर्क इन विचारों से इत्तेफाक नहीं रखता है। प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)