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गर्भावस्था के दौरान मोटापे से प्रभावित हो सकता है शिशु, प्रेग्नेंसी के समय बढ़ते वजन को ऐसे करें कंट्रोल

Updated Aug 13, 2020 | 18:02 IST

Tips to avoid Obesity During Pregnancy: गर्भावस्‍था में मोटापे की वजह से मां और शिशु दोनों को कई तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वजन सामान्य हो।

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गर्भावस्था के दौरान मोटापे से प्रभावित हो सकता है शिशु
मुख्य बातें
  • प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का वजन काफी बढ़ जाता है।
  • मोटापे के कारण जेस्टेशनल हाईपरटेंशन का भी खतरा बढ़ सकता है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान मोटापे से बचने के लिए करें ये उपाय

महिलाएं मां बनने के बाद अपने बढ़ते वजन को लेकर काफी चिंतित रहती हैं। क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान उनका वजन काफी बढ़ जाता है। ऐसे में उनकी कोशिश रहती है कि वह जल्द से जल्द पतली हो जाएं। हालांकि विशेषज्ञों ने इसे अनहेल्दी माना है, उनके मुताबिक गर्भावस्‍था के दौरान अपने वजन की जांच करते रहना चाहिए, क्योंकि यह न केवल आपके स्वास्थ्य पर बल्कि बच्चे के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है।

जर्नल ऑफ चाइल्ड साइकोलॉजी एंड साइकियाट्री के जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेटर्नल ओबेसिटी की वजह से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले मेटर्नल रिस्क जैसे कि जेस्टेशनल डायबिटीज और प्रीक्लेम्पसिया मोटापे के कारण बढ़ सकते हैं। यह गर्भ में पल रहे शिशु को जोखिम में डाल सकता है।साथ ही, गर्भावस्था के दौरान मोटापा भविष्य में मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर देखने को मिल सकता है।

रिसर्च बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान मोटापे के कारण जेस्टेशनल हाईपरटेंशन का भी खतरा बढ़ सकता है। जेस्टेशनल डायबिटीज और जेस्टेशनल हाइपरटेंशन दोनों ही भविष्य में मधुमेह और दिल के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बढ़ाते हैं। वहीं एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि भ्रूण के वजन के अनुमानों के साथ मातृ मोटापा भी हस्तक्षेप कर सकता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान मोटापे से बचने के लिए करें ये उपाय
दो लोगों के हिसाब से खाना नहीं खाएं- प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाएं ऐसी धारणाएं बना लेती हैं कि उन्हें दो लोगों के हिसाब भोजन करना चाहिए। एक खुद के लिए और दूसरा बच्चे की विकास के लिए। हालांकि एक्सपर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के दौरान उम्मीद से अधिक कैलोरी लेने की आवश्यकता नहीं। खासकर जंक और प्रोसेस्ड फूड या फिर ओवरइटिंग से बचना चाहिए।

बार-बार भोजन करें- प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ाने या फिर कम करने को लेकर गलत धारणा है कि उन्हें कम खाना चाहिए। हालांकि अनुभव और सिद्धांतों के मुताबिक महिलाओं को समय पर समय पर थोड़ा-थोड़ा खाते रहना चाहिए। इस तरह आपको पोषण भी मिलता रहेगा और खुद को ओवरईटिंग से बचा सकती हैं।

पोषण से भरपूर हो आहार- अगर आपको थोड़ी-थोड़ी देर पर खाना खाने की आदत है तो यह भी देखे कि आप क्या खा रहे हैं। बैलेंस डाइट के अलावा प्रेग्नेंसी में महिलाओं को पोषण से भरे आहार का सेवन करना चाहिए। अपने आहार में पोषण से भरपूर बैलेंस डाइट के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें और किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के आधार पर डाइट फॉलो करें।

फिजिकल एक्टिविटी करते रहें- प्रेग्नेंसी के दौरान एक और ऐसी गलत धारणा हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं को फिजिकल एक्टिविटी करने बचना चाहिए और उन्हें हमेशा आराम करते रहना चाहिए। लेकिन जब तक इस तरह का निर्देश डॉक्टर द्वारा नहीं दिया जाता तब तक गर्भवती महिलाओं को ऐसा करने की जरूरत नहीं। वह चाहे तो सुरक्षित तरीके से वॉकिंग या फिर कुछ व्यायाम कर सकती हैं। पूरी तरह से फिजिकल एक्टिविटी को बंद कर देने से वजन बढ़ने की समस्या होने लगती हैं।

भरपूर मात्रा में पिएं पानी- प्रेग्नेंट हो या न हो स्वस्थ और बीमारी से खुद को बचाने के लिए रोजाना 2 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। पानी में आवश्यक खनिज होते हैं जो शरीर के लिए अनिवार्य है, और यह शरीर के विभिन्न कार्यों में उत्प्रेरक के रूप में भी काम करते हैं।