- डेल्टा वेरिएंट से भी तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन।
- ओमिक्रॉन ने भारत में दी दस्तक, कर्नाटक में 2 मामलों की हुई पुष्टि।
- कोरोना के इस वेरिएंट में एक दो नहीं बल्कि 32 म्यूटेशन देखे गए हैं, जो अन्य वेरिएंट की तुलना में है अधिक संक्रामक।
कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के बाद देश का हाल बेहाल हो चुका है। हम सभी ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हुई तबाही को देखा, बीते दिन करोड़ो लोग इस भयावह महामारी के चपेट में आए और लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। वहीं दूसरी लहर की समाप्ति के बाद कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने लोगों की चिंता और भी बढ़ा दी है। दक्षिण अफ्रीका के बाद ओमिक्रॉन ने भारत में भी दस्तक दे दिया है। कर्नाटक में ओमिक्रॉन के 2 नए मामले सामने आए हैं, जिससे देश में अफरातफरी और दहशत का माहौल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे अधिक भयावह बताया है। यह पिछले डेल्टा वेरिएंट से कई गुना अधिक संक्रामक है। वैज्ञानिकों द्वारा संदेह जताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पर वैक्सीन बेअसर हो सकती है, क्योंकि इस वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में बहुत अधिक म्यूटेशन है। कोरोना के कुनबे में जन्म लिए इस वेरिएंट ने लोगों की नींद उड़ा दी है और भय का माहौल पैदा कर दिया है। ऐसे में क्या अब हमें और अधिक सजग होने की आवश्यकता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्ण एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर कहा कि भारत में आज ओमिक्रॉन वेरिएंट ऑफ कंसर्न की पुष्टि हो गई है। डॉक्टर पूनम ने बताया कि ओमिक्रॉन को लेकर हमें पहले से अधिक सजग होने की आवश्यकता है और पहले से अधिक सुरक्षा बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक और आवश्यकता के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक उपाय जारी रखना चाहिए। पहली और दूसरी लहर के बाद एक बार फिर लोगों को कोरोना के प्रति अहतियात बरतना होगा।
कोरोना के अन्य वेरिएंट के तुलना में यह अधिक खतरनाक
विशेषज्ञों के मुताबिक ओमिक्रॉन कोरोना के अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है। इस वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में बहुत अधिक म्यूटिशन है, जो इसे कोरोना के अन्य वेरिएंट से अलग बनाता है। हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक 33 देशों में ओमिक्रॉन के कुल 373 मामले सामने आए हैं, जिसमें 2 मामलों की पुष्टि भारत में हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस का नया संस्करण पिछले वेरिएंट की तुलना में 500 प्रतिशत अधिक संक्रामक हो सकता है।
डेल्टा वेरिएंट से किस तरह है अलग
बीजीएस ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विश्वनाथ बेलाड के अनुसार म्यूटेट होने के लिए जाना जाता है। यह सभी सूक्ष्म जीवाणुओं पर लागू होता है, म्यूटेशन के कारण इसके लक्षण और उपचार में बदलाव होता है। बेलाड का कहना है कि कोरोना वायरस से जुड़ी समस्याएं व्यक्ति के शरीर में टिशूज की प्रतिक्रिया से होती हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस का नया वेरिएंट बी.1.1.1.529 अधिक संक्रामक है, जिसका नाम ओमिक्रॉन है। अध्ययन से पता चलता है कोरोना के इस नए वेरिएंट में 1-2 नहीं बल्कि 32 म्यूटेशन देखे गए हैं, जो अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है। विशेषज्ञों के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में अधिक म्यूटेशन होता है। हालांकि आपको बता दें अब तक इस वेरिएंट से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।
क्या RT PCR टेस्ट से लगाया जा सकता है इसका पता
डॉ बेलाड कहते हैं कि कोरोना के सभी वेरिएंट का पता लगाने के लिए परीक्षण प्रक्रियाएं समान होती हैं। आरटी पीसीआर टेस्ट ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए कारगार होना चाहिए।
ओमिक्रॉन पर वैक्सीनेशन कितना प्रभावी है
नए वेरिएंट से कोरोना वायरस के तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में लोगों के मन में इस वेरिएंट को लेकर कई सवाल हैं। आपको बता दें ओमिक्रॉन वेरिएंट में कई म्यूटेशन हैं, ऐसे में कुछ म्यूटेशन वैक्सीनेशन के असर को कम कर सकता है। डॉक्टर बेलाड के अनुसार वैक्सीनेशन स्थिति को भयावह होने से बचा सकता है। ओमिक्रॉन पर वैक्सीनेशन कितना कारगार होगा इस पर शोध अभी जारी है।
ओमिक्रॉन से बचने के लिए सावधानियां
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हमारे जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है। लोगों को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ा, करोड़ो लोगों को इस भयावह महामारी ने अपना शिकार बनाया और लाखों की संख्या में लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। वहीं ओमिक्रॉन ने एक बार फिर सबकी नींद उड़ा दी है। ऐसे में कोरोना के प्रति पहले से अधिक अहतियात बरतना आवश्यक हो गया है।
डॉक्टर पूनम सिंह का कहना है कि लोगों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, शादी विवाह में ज्यादा भीड़-भाड़ ना करें और दो से तीन लेयर वाले मास्क से नाक और मुंह को अच्छी तरह ढकें, दो गज दूरी बनाकर रखें, खांसी या छींक आने पर मुंह पर रुमाल लगाएं, बिना किसी कारणवश घर से बाहर ना निकलें, यात्रा करते समय स्वास्थ्य और सामाजिक गाइडलाइंस का पालन करें, समय समय पर हाथ सैनेटाइज करें या साबुन से अच्छी तरह धोएं।
सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध किस हद तक वेरिएंट के प्रसार को रोकने में मददगार होगा?
दुनियाभर के लगभग 29 देश कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चंगुल में आ चुके हैं। ओमिक्रॉन के मामलो में तेजी से वृद्धि के कारण अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइटों को बंद कर दिया गया है तथा यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही विदेश से आने वाले यात्रियों का पहले आरटी पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है, जिसमें जीनोम अनुक्रमण के लिए सैम्पल लिया जा रहा है। इससे वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
(टाइम्स ऑफ इंडिया से साभार)