- कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट में संक्रमण फैलाने की दर बहुत अधिक है
- ऐसे में लोगों की मामूली सी लापरवाही भी बड़े संकट का कारण बन सकती है
- कोविड के इस वैरिएंट ने भारत में तीसरी लहर को लेकर चिंता पैदा की है
नई दिल्ली : कोरोना वायरस महमारी से जूझ रही दुनिया में इस घातक वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट (Omicron variant) ने एक अलग चिंता बढ़ाई है। भारत में अब तक इसके चार मामले सामने आ चुके हैं और विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इसके और भी मामले सामने आ सकते हैं, जिसे लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। तो क्या कोरोना वायरस का यह वैरिएंट भारत में महामारी की तीसरी लहर का कारण बनेगा?
ओमिक्रोन किस कदर खतरनाक हो सकता है, इस बारे में हालांकि अभी वैज्ञानिकों का रिसर्च जारी है, लेकिन इसे लेकर तकरीबन सभी विशेषज्ञों की एक राय है कि इसमें संक्रमण फैलाने की दर काफी अधिक है। कई रिसर्च में इसे पहले के डेल्टा वैरिएंट से पांच गुना अधिक तक बताया गया है। ऐसे में भारत में अगर यह कोविड के तीसरी लहर का कारण बन जाए तो हैरानी नहीं होगी। लोगों की मामूली सी लापरवाही भी बड़े संकट का कारण बन सकती है।
सावधानी हर हाल में जरूरी
जानकारों के मुताबिक, भारत में इसे लेकर राहत की सिर्फ एक ही बात है कि इसे लेकर यहां टीकाकरण की रफ्तार तेजी से जारी है और आगे इसे और तेज किए जाने की दिशा में काम जोरों पर है। ऐसे में संभव है कि ओमिक्रोन की वजह से भारत में अगर कोविड की तीसरी लहर आए तो यह उस तरह से खतरनाक न हो, जैसा कि डेल्टा वैरिएंट के कारण देश में आई महामारी की दूसरी लहर के दौरान देखा गया था। लेकिन सावधानी हर हाल में जरूरी है।
भारत सरकार ने इस दिशा में सतर्कता बढ़ाते हुए यात्रा संबंधी परामर्श जारी किया है, जिसमें हवाईअड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच व निगरानी बढ़ा दी गई है। खासकर खतरे की सूची में शामिल देशों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इन सबके बीच WHO ने कहा है कि कोविड के इस नए वैरिएंट से बचाव में वही सब उपाय कारगर होंगे, जो डेल्टा वैरिएंट के दौरान अपनाए गए थे। मास्क पहनना, नियमित अंतराल पर हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह साफ करना, सैनिटाइजेशन के साथ-साथ वैक्सीनेशन इससे लड़ने में मजबूत हथियार हैं।