- ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के ट्रायल को रोका गया, साइड इफेक्ट आए थे सामने
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी ऐहतियात के तौर पर ट्रायल को रोका
- डीजीसीआई की तरफ से भी उठाई गई थी आपत्ति
नई दिल्ली। कोरोना की महामारी से पूरी दुनिया प्रभावित है, कोरोना का सामना करने के लिए वैसे तो रूस ने स्पुतनिक वी वैक्सीन को अपने देश में लांच कर दिया है। लेकिन जिस वैक्सीन यानी ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका का इंतजार है उसके ट्रायल को रोक दिया गया है। वजह यह थी कि तीसरे दौर के ट्रायल के दौरान एक वालंटियर में साइड इफेक्ट्स देखे गए। इस खबर के बाद लोगों में निराशा छा गई। लेकिन शोधकार्य से जुड़े लोगों का कहना है कि ट्रायल के दौरान इस तरह के हालात का सामना करना पड़ता है।
वैक्सीन ट्रायल पर फौरी तौर पर रोक
एसआईआई का कहना है कि हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और भारत के परीक्षणों को रोक रहे हैं जब तक कि एस्ट्राजेनेका परीक्षण शुरू नहीं करता है। हम ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और परीक्षणों पर आगे टिप्पणी नहीं कर पाएंगे। भारत में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल 17 जगहों पर चलाए जा रहे हैं. हालांकि, डीसीजीआई के नोटिस मिलने के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने ट्रायल रोकने का फैसला किया है.
ब्रिटेन में एक वालंटियर में देखे गए थे साइड इफेक्ट
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका पीएलसी की ओर से विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के शुरुआती नतीजे काफी उत्साह देने वाले थे। लेकिन ब्रिटेन में एक वॉलन्टियर के बीमार पड़ने के बाद ब्रिटेन और अमेरिका में ट्रायल रोक दिया गया। सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने कहा था कि भारत में वैक्सीन के ट्रायल पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। ये बात अलग है कि ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ
इंडिया को नोटिस जारी कर दिया और सवाल किया था कि सीरम ने DGCI को दूसरे देशों में चल रहे ट्रायल के नतीजों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी.