- खून साफ करने में पीपल की छाल है कारगर
- लिवर से जुड़ी बीमारियों में इसका काढ़ा पीएं
- त्वचा रोग में इसकी पत्तियां काम आती हैं
आयुर्वेद में पीपल और उसकी पत्तियों, फल और टहनियों के कई फायदे बताए गए हैं। पीपल की पत्तियां औषधीय गुणों से भरी होती हैं। पीपल में पुराने और असाध्य रोगों को ठीक करने का गुण होता है। खास बात ये है कि पीपल की पत्तियों ही नहीं इसके फल भी बहुत से रोगों के उपचार में काम आते हैं। पीपल को लेकर लोगों में भ्रांतियां होती है कि इसकी केवल पूजा करनी चाहिए। जबकि इसके फल, पत्तियां और टहनियों का औषधीय प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। इसलिए बीमारियों में पीपल का प्रयोग करना गलत नहीं होता। तो आइए जानें, किन रोगों में पीपल का प्रयोग दवा की तरह काम करता है...
सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल की पत्तियां का सेवन करने हमारे लिए लाभकार होता है। पीपल के पके हुए छोटे गुलकंद फलों का सेवन करने से भूख कम लगना, पुरानी खांसी और रक्त संबंधी विकारों का स्थायी इलाज किया जाना संभव है।
पीपल के पौधे के पत्तियों का पेस्ट में गुड़ में मिलाकर इसका प्रतिदिन सेवन करने से पेट संबंधित बीमारियों का दूर किया जा सकता है। पीपल की छाल तथा पके हुए इस गुलकंदों का अलग-अलग पाउडर बनाकर उसे समान मात्रा में मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से हमारे पुराने से पुराने अस्थामा रोग का भी इलाज किया जा सकता है।
इन बीमारियों में पीपल का प्रयोग होता है फायदेमंद
- पेट दर्द: किसी भी तरह के पेट दर्द में पीपल की पत्तियों और गुड़ बहुत फायदा करता है। इसके लिए पीपल की पत्तियों को पीस कर उसमें गुड़ मिला कर गोलियां बना लें। जब भी पेट दर्द हो इसे दिन में तीन से चार बार खा लें। ये औषधिय हर तरह के पेट दर्द में बहुत काम आती है।
- अस्थमा: जिन लोगों को अस्थमा या एलर्जी की दिक्कत होती है उनके लिए पीपल की छाल और पीपल के पके हुए फल अमृत समान होते हैं। पीपल की छाल और पके हुए फलों को सूखा कर पाउडर बना लें और फिर एक समान मात्रा में मिला कर रोज खाएं। दिन में तीन से चार बार इसका सेवन करने से अस्थमा और एलर्जी में बहुत आराम मिलता है।
- त्वचा रोग: त्वचा पर पिंपल्स आना, दाग-धब्बे या किसी भी तरह के त्वचा रोग में पीपल की नरम पत्तियों को चबाना बहुत है फायदेमंद साबित होता है। इसक पत्तियों को पीस कर इसका लेप भी त्वचा पर लगाना फायदेमंद होता है।
- दाद खाज खुजली: दाद-खाज और खुजली की समस्या होने पर 50 ग्राम पीपल की छाल को जला कर राख बना लें। राख को छान कर इसमें नींबू का रस और गाय का घी मिला कर पेस्ट बना लें। अब इसे प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे काफी आराम मिलता है।
- फटी एड़ियां: फटी एड़ियां किसी समस्या से कम नहीं होती। लेकिन इस पर पीपल की पत्तियों का रस या इसके पेड़ से निकलने वाला दूध लगाना बहुत मददगार साबित होता है।
- खून साफ करना: पीपल के बीज में खून शोधक क्षमता होती है। जिन लोगों को रक्त जनित बीमारियां हैं उन्हें 1-2 ग्राम पीपल बीज पाउडर को शहद में मिलाकर रोजा दो बार खाना चाहिए।
- कब्ज: कब्ज, बवासीर आदि जैसी दिक्कतों में पीपल के 5-10 फल रोज खाना चाहिए। इससे कब्ज भी ठीक होता है और बवासीर की दिक्कत भी खत्म होती है।
- लिवर के रोग: लिवर से जुड़ी बीमारियों में पीपल की पत्तियां बहुत काम आती हैं। इसके लिए पीपल की 3-4 ताजा पत्तियों को पीस कर उसमें धागे वाली मिश्री का पाउडर मिला दें। अब इस पाउडर को 250 ग्राम पानी में मिलाकर काढ़ा बना लें और इसे छान कर गुनगुना पांच दिन तक लगातार रोगी को पिलाएं। पांच दिन बाद एक या दो दिन रुक कर फिर से पांच दिन लगातार इसे पिलाएं। ये पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है।
- दांत दर्द: पीपल के पेड़ की छाल को का पाउडर बना लें और इस पाउडर को पानी में मिला कर कुल्ल करने से दांत का दर्द दूर हो जाता है। साथ ही पीपल के दातुन करने से भी दांत के रोग दूर होते हैं।
नोट - पीपल का पेड़ पूजनीय भी है और इसके औषधीय गुण भी बहुत काम के हैं। तो जरूरत होने पर पूजा और औषधि दोनों को लाभ उठाएं।