- कोरोना संक्रमण से देश में करीब 50,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है
- AIIMS भोपाल का दावा है कि रिसर्च के लिए कोरोना संक्रमित शव के पोस्टमॉर्टम का ये पहला मामला है
- इस पोस्टमॉर्टम का मुख्य उद्देश्य कोरोना मरीज पर रिसर्च करना था
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, इस घातक बीमारी से देश में करीब 50,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लोग कोरोना संक्रमितों से खासी दूरी रखते हैं वहीं देश में पहली बार किसी कोरोना संक्रमित मरीज की डेड बॉडी का पोस्टमॉर्टम किया गया है। इस पोस्टमॉर्टम का मुख्य उद्देश्य कोरोना मरीज पर रिसर्च करना था, जिससे पता चल सके कि यह शरीर में कितने लंबे समय तक रहता है और किन-किन अंगों को, किस हद तक प्रभावित कर सकता है।
हालांकि, पोस्टमॉर्टम के लिए अनुमति लेना इतना आसान नहीं था, इसके लिए भोपाल स्थित AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) को ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) से मंजूरी लेनी पड़ी। जिसके बाद रविवार को कोरोना संक्रमित शख्स का रिसर्च के उद्देश्य से पोस्टमॉर्टम हो सका।
भोपाल AIIMS ने पहले भी ICMR से कोरोना पर रिसर्च के लिए संक्रमित व्यक्ति के शव के पोस्टमॉर्टम की मंजूरी मांगी थी, लेकिन संक्रमण के खतरे को देखते हुए इसकी अनुमति नहीं दी गयी। हालांकि, जब भोपाल AIIMS ने संक्रमण रोकने के उपाय के साथ ही पोस्टमॉर्टम की एडवांस तकनीक की जानकारी ICMR को भेजी तो इसकी मंजूरी मिल गई।
रविवार को कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसके शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। इस दौरान पोस्टमॉर्टम करने वाली डॉक्टर्स की टीम ने पीपीई किट समेत सुरक्षा से जुड़ी सभी गाइडलाइंस का पालन किया। AIIMS भोपाल का दावा है कि रिसर्च के लिए कोरोना संक्रमित शव के पोस्टमॉर्टम का ये पहला मामला है। हालांकि, अभी कुछ और शवों पर रिसर्च की जाएगी, जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी।