नई दिल्ली : ब्रिटेन और अमेरिका में लोगों को कोरोना का टीका लगना शुरू हो गया है। जबकि दुनिया के बाकी देश इस टीके का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बीच एक अध्ययन सामने आया है जिसमें कहा गया है कि साल 2022 तक दुनिया की आबादी के पांचवें हिस्से यानि 20 प्रतिशत को कोरोना के टीके के लिए 2022 तक इंतजार करना पड़ सकता है। बुधवार को सामने आई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल के छह महीने तक टीके के उत्पदान का आधा हिस्सा अपने लिए सुरक्षित कर रहे हैं।
आधा से ज्यादा टीके को धनी देशों ने अपने लिए सुरक्षित किया
जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रिसर्चर्स का कहना है कि दवा बनाने वाली जो प्रमुख 13 कंपनियां हैं, ये कंपनियां अगले साल तक जितना टीका बनाएंगी उसका आधा से ज्यादा टीके को धनी देशों ने अपने लिए ऑर्डर देकर सुरक्षित कर लिया है। दुनिया की आबादी में अमीर देशों की जनसंख्या 14 फीसदी है। ये अमीर देश दर्जनों वैक्सीन में से कम से कम टीके तक अपनी पहुंच बना लेना चाहते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि इन देशों ने कई दवा कंपनियों के वितरण को खरीद लिया है।
अमेरिका, ब्रिटेन में शुरू हुआ टीकाकरण
कोरोना महामारी के प्रकोप से विश्व के अमीर और गरीब सभी देश त्रस्त हैं। इस महामारी से दुनिया भर में अब तक 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच कुछ देशों ने कोरोना का टीका विकसित कर लिया है। अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात ने अपने लोगों को कोरोना का टीका लगाना शुरू कर दिया है। अध्ययन में कहा गया है कि टीका पाने की इस दौड़ में गरीब देश पिछड़ सकते हैं। सभी दवा निर्माता कंपनियां यदि प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके से अपने वैश्विक उत्पादन लक्ष्यों को यदि पूरा भी करती हैं तो कम के कम दुनिया की आबादी के पांचवें हिस्से को 2022 से पहले टीका नहीं मिल पाएगा।
ज्यादातर टीकों के दो डोज लगेंगे
यह रिपोर्ट बीएमजे मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है। रिसर्चर्स ने टीके के उत्पादन से जुड़े तथ्यों एवं जानकारियों को देखने को बाद पाया कि नवंबर मध्य तक कोरोना के कुल 7.48 अरब डोज सुरक्षित कर लिए गए हैं क्योंकि लोगों को ज्यादार टीके का दो डोज लगना है। अनुमान है कि 2021 के अंत तक दवा कंपनियां अधिकतम 5.96 अरब कोरोना के टीके का उत्पादन करेंगी।