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Weak Immunity Solution: कमजोर इम्यूनिटी की ओर इशारा करते हैं ये लक्षण, जानें कैसे करें उपचार

Updated Jun 13, 2021 | 17:10 IST

Weak Immunity Solution Health Tips: यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अक्सर बीमार पड़ते हैं या थकान महसूस करते हैं, तो यह आपके कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को दर्शाता है। जानें कमजोर इम्यूनिटी की ओर इशारा करते हैं ये लक्षण

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Weak Immunity Health Tips
मुख्य बातें
  • बार बार पेट संबंधी बीमारियों से ग्रस्त होना कमजोर इम्यूनिटी की ओर करता है इशारा।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने के कारण घाव भरने में होती है देरी, ऐसी स्थिति में एक बार जरूर कराएं ब्लड टेस्ट।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाता है कमजोर।

कोरोना महामारी ने लोगों को उनके इम्यूनिटी के प्रति काफी सचेत कर दिया है। कोरोना से बचाव व इस महामारी को मात देने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरूरी है। ऐसे में हर कोई इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में लगा हुआ है। कोई हल्दी वाला दूध पी रहा है तो कोई रोजाना काढ़ा, गिलोय और च्यवनप्रास का सेवन कर रहा है। वहीं अधिकतर लोगों ने योग और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का अहम हिस्सा बना लिया है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा भी लगातार इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए नए-नए दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर को वायरल, बैक्टीरियल, फंगल औऱ प्रोटोजोआ के हमलों से बचाती है। यह शरीर पर हमला करने वाली गंभीर बीमारियों से लड़ने में कारगर होता है। ऐसे में यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अक्सर बीमार पड़ते हैं या थकान महसूस करते हैं तो यह आपके कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को दर्शाता है। हम आपके लिए 6 लक्षण लेकर आए हैं, जो आपके कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की ओर इशारा करता है।

पेट संबंधी बीमारियों से ग्रस्त होना

आपको बता दें प्रतिरक्षा प्रणाली का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हमारे पेट में होता है, जो बैक्टीरिया वायरस, फंगस, जैसे टॉक्सिन से लड़ने में कारगार होता है। तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने और इसको बढ़ाने में सहायक होता है। ऐसे में इम्यून कमजोर होने के दौरान ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जिससे आप उल्टी, दस्त, कब्ज-गैस की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं।

समाधान

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखें। इसके लिए पोषक तत्वों से युक्त भोजन और पेय पदार्थ का अधिक से अधिक सेवन करें। तथा पर्याप्त मात्रा में प्रोबायोटिक और फरमेंटिड फूड को शामिल करने का प्रयास करें, जो अच्छे बैक्टीरिया उत्पादन में मदद करता हो।

घाव भरने में समय लगना

प्रतिरक्षा प्रणाली घाव को ठीक करने और नई कोशिकाओं का निर्माण कर इसे सुखाने में मदद करती है, यह घाव को ठीक करने के लिए बैक्टीरिया का निर्माण करता है। हालांकि यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया मजबूत नहीं है तो आपका घाव भरने में ज्यादा समय लगेगा। अगर आपके शरीर में कहीं घाव हो जाए और वह जल्दी ना भरे तो यह लो इम्यूनिटी का संकेत होता है।

समाधान

रक्त में मौजूद प्रतिरक्षा प्रणाली घाव भरने में मदद करता है तथा नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है। ऐसे में नियमित तौर पर पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी, विटामिन सी और जिंक का सेवन करें। हमारे शरीर को विटामिन से कोलेजन की जरूरत होती है। तथा विटामिन सी और डी घाव भरने में मदद करते हैं।

थकान महसूस होना

यदि आप पर्याप्त नींद के बाद भी थकान महसूस कर रहे हैं, यह निश्चित रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने की ओर इशारा करता है। वहीं नींद ना आना और कमजोरी होना और आंख के नीचे डार्क सर्कल होना भी कमजोर इम्यून सिस्टम की निशानी है।

समाधान

आपको बता दें नियमित तौर पर योग और व्यायाम ह्रदय के लिए लाभकारी होता है और शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। ये ना केवल हमारे तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में सहायक होता है बल्कि थायरॉइड ग्रंथियों को भी उत्तेजित करता है, जिससे थकान और आलस दूर होता है।

मौसमी बीमारियों का शिकार होना

एक शोध के मुताबिक वयस्कों को साल में औसतन दो से तीन बार सर्दी जुकाम होता है। ऐसे में यदि आप बार-बार मौसमी बीमारी के चपेट में आते हैं, तो यह आपके कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की ओर इशारा करता है। यह खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन के कारण होता है। आपको बता दें धुम्रपान और शराब का नशा भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बनाता है, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

समाधान

यदि आप धुम्रपान या शराब का नसा करते हैं तो इसे जल्द ही छोड़ दें, क्योंकि सिगरेट में पाया जाने वाला रसायन रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बनाता है। यह सांस संबंधी व कैंसर जैसी भयावह बीमारियों को जन्म देता है। तथा खाने औऱ सोने का एक सही समय निर्धारित करें। खानपान और जीवनशैली में बदलाव के कारण भी प्रतिक्षा प्रणाली कमजोर होती है।

चिंता और तनाव

आपको बता दें अधिक चिंता औऱ तनाव शरीर में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स छोड़ता है जो हमारे शरीर लिम्फोसाइट्स की संख्या में कमी कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। एक शोध के मुताबिक तनाव और चिंता के कारण लोग अधिकतर धुम्रपान और शराब का सेवन शुरु कर देते हैं।

समाधान

मनोचिकित्सक से लें सलाह। तनाव और चिंता से मुक्त होने के लिए मनोचिकित्सक से सलाह लें, तथा परिवार और दोस्तों से अपनी परेशानी साझा कर तनाव को कम किया जा सकता है। साथ ही नियमित तौर पर संतुलित आहार का सेवन करें और अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल करें। वहीं आपको बता दें तनाव कम करने के लिए हंसी एक बेहतरीन दवा है। मेडिकल साइंस के मुताबिक हंसने के दौरान हमारे शरीर में एंटी वायरल कोशिकाएं तेजी से बनती है और हमारा इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है।