- ऑस्टियोमेलेशिया हड्डियों से जुड़ी बीमारी है।
- छोटे बच्चों में इस बीमारी को कहा जाता है रिकेट्स।
- इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है विटामिन डी की कमी।
कोरोना वायरस के भयावह प्रकोप के कारण पिछले डेढ़ साल से अधिकतर ऑफिसों में वर्क फ्रॉम होम चल रहा है, लोगों ने घर को ही अपना दफ्तर बना लिया है। ऑफिस जैसा वातावरण ना होने के कारण लोग घंटो तक कुर्सी या सोफे पर बैठकर काम या मीटिंग करते हैं। साथ ही बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल या होम आइसोलेशन में रहे हैं।
जिसके कारण लोगों में कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं देखी जा रही हैं। जिसमें से एक है ऑस्टियोमेलेशिया, आपको बता दें ऑस्टियोमेलेशिया हड्डियों से जुड़ी बीमारी है। जो धीरे धीरे आपकी हड्डियों को कमजोर बना देती है।
यह बीमारी ना केवल कोरोना संक्रमित होने के बाद रिकवर हुए लोगों में देखी जा रही है बल्कि सामान्य लोगों में यह परेशानी अधिक देखी जा रही है। जिसका सबसे बड़ा कारण है विटामिन डी की कमी होना। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है ऑस्टियोमेलेशिया के लक्षण और वजह।
ऑस्टियोमेलेशिया को ही कहा जाता है रिकेट्स:
ऑस्टियोमेलेशिया को रिकेट्स भी कहा जाता है। बस अंतर इतना है कि छोटे बच्चों में होने वाली इस स्थिति को रिकेट्स के नाम से जाना जाता है और वयस्कों में इस बीमारी को ऑस्टियोमेलेशिया कहते हैं। यदि सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो यह अपना भयावह रूप धारण कर सकती है। ऐसी स्थिति में आपकी हड्डियां दिन प्रतिदिन कमजोर होती चली जाती हैं, जिससे हड्डियों के मुड़ने व टूटने का डर रहता है।
ऑस्टियोमेलेशिया के लक्षण (Osteomalacia Symtoms):
पीठ में दर्द होना:
पीठ में दर्द होना ऑस्टियोमेलेशिया का संकेत होता है। इस दौरान शुरुआती दिनों में पीठ में या रीढ़ के हड्डी में दर्द होता है। वहीं धीरे धीरे यह दर्द असहनीय होता चला जाता है।
जोड़ो में दर्द:
जोड़ो में दर्द ऑस्टियोमेलेशिया का सबसे क्लासिक लक्षण है। इस दौरान हांथ व पैर के जोड़ों में असहनीय दर्द होता है।
कमजोरी या सुस्ती महसूस होना:
ऑस्टियोमेलेशिया में रोगी को कमजोरी महसूस हो सकती है या ज्यादातर समय थकान ही रहता है। तथा चलने में आपको काफी मुश्किल हो सकती है औऱ कुछ दूर चलने पर आपको अधिक थकान महसूस हो सकता है।
वजन उठाने पर हड्डियों में दर्द:
अगर आप जिम या एक्सरसाइज के दौरान ज्यादा वजन उठा लेते हैं तो इन हड्डियों में दर्द हो सकता है। आपको बता दें यह ऑस्टियोमेलेशिया का सबसे क्लासिक लक्षण है।
कैसे पता लगाएं:
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें, तथा जरूरत पड़ने पर विटामिन डी व बोन मिनरल डिंसिटी टेस्ट कराएं। यह टेस्ट ऑस्टियोमेलेशिया का पता लगाने में कारहार है।
ऑस्टियोमेलेशिया के कारण (Osteomalacia causes):
विटामिन डी की कमी:
विटामिन डी की कमी और खानपान व जीवनशैली में बदलाव ऑस्टियोमेलेशिया का सबसे बड़ा कारण है। कोरोना काल के दौरान लोग इस भयावह महामारी से बचने के लिए घरों में कैद हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिल पाता। जो ऑस्टियोमेलेशिया का सबसे बड़ा कारण है।
किडनी या लिवर संबंधी रोग:
किडनी या लिवर संबंधी रोग भी ऑटियोमेलेसिया को जन्म देता है। आपको बता दें लिवर व किडनी शरीर में विटामिन डी को सबसे ज्यादा सक्रिय करती है। ऐसे में किडनी या लिवर संबंधी रोग इस भयावह बीमारी को जन्म देते हैं।
दवाएं:
यदि आप लंबे समय से कुछ विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो यह भी शरीर में विटामिन डी की कमी का कारण बन सकता है है। जो ऑस्टियोमेलेशिया को जन्म देता है।