What is Tomato fever: देश भर में मानसून जोरों पर है। ऐसे में बारिश के दौरान होने वाली बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। इसी तरह की एक बीमारी जिसे आप टोमेटो फ्लू या टोमाटो फीवर के नाम से जानते होंगे, 5 साल से कम उम्र के कई बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है। अभी तक केरल के कोल्लम जिले के कुछ हिस्सों से लगभग 80 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। साथ ही अधिकारियों का मानना है कि ये संख्या अभी और तेजी से बढ़ सकती है क्योंकि गर्मी की छुट्टियों के बाद अब फिर से स्कूल खुलने वाले हैं। राज्य में टोमेटो फ्लू स्थानिक होने के बाद पहले गी चेतावनी जारी कर दी गई है।
क्या होता है टोमेटो फ्लू/फीवर?
ये एक तरह का वायरल इंफेक्शन है, जो मुख्य रूप से 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रहा है। इससे संक्रमित व्यक्ति को पूरे शरीर पर रैशेज, रेडनेस, लाल छाले, चकत्ते, स्किन पर खुजली और डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
हालांकि अभी तक इस बीमारी के होने के पीछे के मुख्य कारण का पता नहीं लगाया जा सका है। फिलहाल इस बात की भी आशंका लगाई जा रही है कि ये टोमाटो फीवर मामूली वायरल फीवर के बजाय डेंगू और चिकनगुनिया का अलग तरह का प्रभाव है या फिर एक नया वायरस है।
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Tomato fever Symptoms: टोमेटो फीवर के लक्षण
- स्किन रैशेज
- पूरे शरीर में खुजली
- डिहाइड्रेशन
- तेज बुखार
- जोड़ों में दर्द और सूजन
- पूरे शरीर में तेज दर्द
- थकान, उल्टी - दस्त
- बहुत मुंह सूखना, ज्यादा प्यास लगना
- हाथ, घुटने और हिप्स का रंग बदलना
- सर्दी – जुकाम
- पेट दर्द
- चक्कर आना, जी मचलना
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टोमेटो फ्लू होने पर क्या करें?
यदि आपके बच्चे में इस तरह के कोई लक्षण दिखते हैं, तो सबसे पहले आप उसे किसी और से मिलने न दे और सीधा डॉक्टर के पास ले जाए। क्योंकि इस संक्रमण आसानी से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के आस पास बहुत साफ सफाई रखें। कोशिश करें कि बच्चा और आप दोनों ही बार बार हाथ धोएं। खास तौर से टॉयलेट जाने के बाद और खाना खाने के पहले। साथ ही उसे हल्के गर्म पानी से नहलाएं।
आप संक्रमित व्यक्ति की कोई भी चीज इस्तेमाल न करें। खास रूप से अन्य बच्चों को, क्योंकि उन्हें ये बीमारी लगने का ज्यादा खतरा है।
बच्चे को समय समय पर नियमित रूप से उबला हुआ पानी या नारियल पानी अवश्य पिलाते रहें। क्योंकि इस बीमारी में डिहाइड्रेशन होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
- बच्चे को स्किन और छालों पर बार बार हाथ न लगाने दे। खास तौर से घाव को खुजालने तो बिल्कुल न दें।
- संक्रमित को बार बार हाथों से आंख, नाक, मुंह को छूने से बचाएं।
- जंक या तला हुआ खाना बिल्कुल न खाएं, सिर्फ घर के बने हल्के हेल्दी भोजन का ही सेवन करें।
अगर इसके अलावा इन्फेक्टेड बच्चे में किसी भी और तरह के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। क्योंकि ऐसा न करने पर बीमारी की गंभीरता और भी ज्यादा बढ़ सकती है। और बच्चे के लिए बहुत रिस्क पैदा कर सकती है।