Postnatal depression in Pregnancy: एक रिसर्च स्टडी में ये बात सामने आई कि गर्मी के दिनों में लोगों का एक दूसरे से मिलना कम होना, बच्चे के देखभाल के लिए लोगों का कम आना और साथ समय बिताना बहुत कम होता है। गर्मियों में लोग अपने घर से बाहर निकलना नहीं चाहते, जबकि सर्दियों में हर कोई धूप में निकलना पसंद करता है। बाहर निकलने से लोगों का संपर्क बढ़ता है और बच्चों के देखभाल करने की टिप्स भी मिलती हैं।साथ ही अकेलापन भी खत्म होता है।
बोस्टन के ब्रिघान एंड विमेंन्स हॉस्पिटल के रिसर्चर डॉ जेई जूह ने अपने मेडिकल रिकार्ड के आधार पर यह बात रखी है। उन्होंने पाया कि 20,169 फिमेल्स की डिलेवरी जून से अगस्त के बीच हुई और उसमें से करीब 4.1 परसेंट फिमेल्स पोस्टनेटल डिप्रेशन से पीड़ित रहीं। जबकि जिन फिमेल्स की डिलेवरी विंटर में हुई उनमें ऐसे कोई लक्षण नजर नहीं आए।
Also read: PCOD की वजह से कभी 96 किलो की थीं सारा अली खान, जानें कैसे किया 46 किलो कम
इसके पीछे यही वजह पाई गई कि सर्दियों में आउटडोर एक्टिविटी बढ़ने से ऐसे डिप्रेशन की संभावना कम हो जाती है। जबकि गर्मियों में इनडोर एक्टिविटी के कारण ऐसा ज्यादा होता है। यही नहीं सर्दियों में मौसम का काफी सुहाना और खुशनुमा होता है जबकि गर्मी में इसके विपरीत होता है।
पोस्टनेटल डिप्रेशन से बचने के लिए इन बातों का जरुर रखें ध्यान :
- डिलेवरी के बाद अधिक से अधिक टाइम लोगों के बीच गुजारें।
- खुद के बच्चे के साथ कैद होने से बेहतर होगा आप उसे लेकर बाहर निकलें।
- अपने दोस्त या रिश्तेदारों के साथ वक्त गुजारें।
- बच्चे को चाहें तो क्रेच में दे कर खुद के लिए समय निकालें।
- ज्यादा से ज्यादा आउटडोर एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करें।
- सोशल लाइफ को अधिक एंज्वायफुल बनाने का प्रयास करें।
- एक्सरसाइज के लिए टाइम निकलें।
प्रेग्नेंसी के बाद अक्सर महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं ,लेकिन इन बातों को ध्यान में रखकर आप पोस्टनेटल डिप्रेशन से बच सकती हैं। अगर आप चाहें तो डॉक्टर या मनोचिकित्सक की सलाह भी ले सकती हैं। क्योंकि एक खुश मां ही बच्चे को खुश रख सकती है।
Health News in Hindi के लिए देखें Times Now Hindi का हेल्थ सेक्शन। देश और दुनिया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के लिए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से।