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World Heart Day: हार्ट अटैक आने से पहले बॉडी देती है ये संकेत, ऐसे पहचानें दिल कितना है फिट

Updated Sep 29, 2019 | 06:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

World Heart Day Heart Attack Symptoms: दिल की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इस विश्व हृदय दिवस के मौके पर दिल को स्वस्थ रखने की शपथ जरूर लें।

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Heart Attack
मुख्य बातें
  • हर साल 29 सितंबर विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
  • गलत खानपान,लाइफस्टाइल के कारण पड़ता है दिल का दौरा।
  • कई बीमारियों को कंट्रोल कर दिल के दौरे से बचा जा सकता है।

नई दिल्ली. दिल की बीमारी या हार्ट अटैक(Heart Attack) के लिए कोई उम्र नहीं रह गई। 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को इस बीमारी से बचाने का प्रयास किया जाए। साथ ही दिल का दौरे पड़ने के संकेत पहचानने और इमरजेंसी में मरीज की जान बचाने के उपाय बताए जा सकें।

दिल की बीमारी कई बीमारियों के कारण भी पैदा होती है। कई बार ये हमारे गलत खानपान के तरीके और लाइफस्टाइल के कारण भी होती है। लेकिन जरूरत ये है कि दिल की बीमारी के लक्षण को पहचाना जाएं। 

दिल की बीमारी किन बीमारियों के कारण हो सकती है यह भी जानना जरूरी होता है। इन बीमारियों के लक्षण दिखने पर दिल की जांच भी कराते रहना चाहिए।  दिल से जुड़ी मुख्य बीमारियां एंजाइना, हार्ट अटैक, कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट फेल्योर है। इन चारों बीमारियों के लक्षण लगभग एक से ही होते हैं। बस समय पर इसकी पहचाना करना बेहद जरूरी है।
 
दिल के दौरे के प्रारंभिक लक्षण ऐसे पहचाने 
सीने के बीचोंबीच तेज दर्द  के साथ ये दर्द अगर दाहिने बाजू और पीठ तक पहुंच जाए तो सावधान हो जाएं। कई बार दर्द के घबराहट या बेचैनी  होने लगे और खूब पसीना आए तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। 
 
दिल में जकड़न या भारी ईंट सा रखने जैसा भी महससू हो सकता है। कई बार सांस रुकना या दर्द जबड़े तक आने लगता है। दर्द चलने-फिरने या बोलने पर बढ़े तो आप सतर्क हो जाएं। हालांकि, योग और एक्सरसाइज के जरिये दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।

संकेत मिलते ही करें ये काम 
दिल के दौरे का संकेत मिलते ही आप डॉक्टर को कॉल करें और उसके साथ ही आप सबसे पहले मरीज के जीभ के नीचें पांच एमजी वाली ग्लाइसिरल ट्राइनाइट्रेट (Glyceryl Trinitrate) रख दें। 

बाजार में ये आपको सॉरबिट्रेट (Sorbitrate) और आइसोर्डिल (Isordil)के नाम से मिल जाएगी।  ये दवा ब्लड सकुर्लेशन वाली नसों के साइज को बढ़ा  देती है जिससे मरीज को तुरंत राहत मिलना शुरू हो जाएगा।  यदि उपरोक्त दवा नहीं हो तो आप मरीज को तुरंत 300 मिग्रा की एस्प्रिन (Asprin) पानी के साथ खिला दें।  


ऐसे पहचानें की दिल कितना फिट है  
अगर आप रोज कम से कम तीन से चार किलोमीटर चलते हैं। उसके बाद भी आपकी सांस नहीं चढ़ती या सीने में दर्द नहीं होता तो ये आपके लिए अच्छा साइन है। दो मंजिल सीढ़ियां चढ़ने या 2 किलोमीटर चलने के बाद आपकी सांस सामान्य रहती है तो आप कोई भी एक्सरसाइज कर सकते है। कार्डियो एक्सरसाइज में तेज वॉक, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, डांस  कुछ भी किया जा सकता है।  

ध्यान रखें 10 बातें 

  1. स्मोकिंग न करें।  
  2. रोज 45 मिनट की कार्डियो एक्सरसाइज करें।
  3. तनाव न लें।
  4. रेग्युलर चेकअप कराएं। कार्ब, नमक और तेल कम खाएं।
  5. रंग-बिरंगे फल और सब्जियां खाएं।
  6. रेड मीट कम खाएं।  

ये कुछ सावधानियां और उपाय आपके दिल के दौरे की संभावना को कम करते हैं साथ ही दिल का दौरा पड़ने पर जान बचाने के काम भी आते हैं।